दुनियाभर में कोरोना का कोहराम काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. हर कोई जानना चाहता है कि इससे कब छुटकारा मिलेगा. हालांकि जिसके जहन में ये सवाल उठ रहा है वो ये भी जानता है कि फिलहाल आने वाले कुछ माह में इससे निजात नहीं मिलने वाली है. लेकिन इतना जरूर है कि यदि एहतियात बरती गई तो शायद इस पर काबू पाया जा सके. लेकिन यदि लापरवाही बरती गई तो यह महामारी लाखों और जिंदगियों को लील लेगी. वर्तमान में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित 2008164 मामले सामने आ चुके हैं. 15 अप्रैल 2020 के दोपहर 2 बजे तक पूरी दुनिया में इसकी वजह से 1394770 लोगों की जान जा चुकी है.
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बीते कुछ दिनों में चीन में दोबारा से इसके मामले सामने आने लगे हैं. हालांकि चीन ने अपने यहां पर काफी हद तक इस पर काबू पाने में सफलता हासिल की है. यहां पर कोरोना वायरस के इलाज की वैक्सीन को भी बना लिया गया है और इंसानों पर परीक्षण जारी है. वहीं अमेरिका और इजरायल में भी बनी दवा का इंसानों पर परीक्षण किया जा रहा है. लेकिन सिर्फ दवा बन जाने भर से इस जानलेवा वायरस से निजात मिल जाएगी, यह कह पाना जरा मुश्किल है. इसके लिए जरूरी ये भी होगा कि उन मरीजों को तलाश कर उनका ट्रीटमेंट किया जाए जो इस वायरस से संक्रमित हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस वायरस के पूरे लक्षण आने में दो सप्ताह तक का समय लग जाता है. इसमें भी कई बार संक्रमित होते हुए भी टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आती है. इसका नतीजा ये होता है कि ये एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे व्यक्ति में फैल जाता है. जब तक इसकी पॉजीटिव रिपोर्ट आती है तब तक इसके कई और मामले पनप चुके होते हैं. ऐसे में ही काम आता है ट्रिपल टी का फार्मूला. इस ट्रिपल टी के फार्मूले पर काम करते हुए सबसे पहले दक्षिण कोरिया ने अपने यहां इस वायरस के प्रकोप को कम करने में सफलता हासिल की थी.
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