अयोध्या में रामलला की प्रतिमा को मंदिर के अंदर स्थापित कर दिया गया है। 2019 के ऐतिहासिक सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बाबरी मस्जिद का विनाश कर दिया गया था।
कोर्ट में कितने साल तक चली लड़ाई?
134 वर्षों तक राम मंदिर का मामला अदालत में चला। पहले फैजाबाद जिला अदालत में यह विवाद 102 सालों तक चला, फिर 23 सालों तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रहा। तत्पश्चात, 9 वर्षों तक सर्वोच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई। इसे सबसे पहले 1885 में फैजाबाद जिला अदालत में पेश किया गया था। महंत रघुबर दास ने फैजाबाद उप न्यायाधीश की अदालत में मामला दर्ज किया था।
अंतिम फैसला किन जजों ने दिया?
राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले जजों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एस.ए. बोबडे, मौजूदा सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़, पूर्व जस्टिस अशोक भूषण एवं जस्टिस एस. अब्दुल नजीर सम्मिलित थे।
राम मंदिर का डिज़ाइन किसने तैयार किया है?
राम मंदिर का डिज़ाइन अहमदाबाद निवासी चंद्रकांत सोमपुरा एवं उनके बेटे आशीष सोमपुरा ने बनाया था। इसके अतिरिक्त, इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने राम मंदिर का आर्किटेक्चर बनाया।
प्रभु श्री राम की मूर्ति के मूर्तिकार कौन हैं?
अयोध्या के मंदिर में स्थापित प्रभु श्री राम की प्रतिमा के मूर्तिकार अरुण योगीराज हैं। वह कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं।
राम मंदिर को किस शैली में बनाया गया है?
राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है।
राम मंदिर में निर्माण में कौन से पत्थर लगे हैं?
मंदिर में राजस्थान के मकराना पत्थर का उपयोग किया गया है। इसकी गिनती दुनिया के बेहतरीन मार्बल्स में होती है।
राम मंदिर बनाने में कितना पैसा लगा है?
मंदिर के निर्माण पर अब तक ₹1100 करोड़ खर्च हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि लगभग ₹300 करोड़ और खर्च होने हैं।
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