हर भारतीय को पता होना चाहिए 'कारगिल युद्ध' से जुड़े इन 10 जरुरी सवालों के जवाब

हर भारतीय को पता होना चाहिए 'कारगिल युद्ध' से जुड़े इन 10 जरुरी सवालों के जवाब
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1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और शौर्य की अद्वितीय कहानी है। आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं: 1965, 1971 और 1999 का कारगिल युद्ध। इनमें से कारगिल युद्ध सबसे भयानक और लंबा चलने वाला था, जिसे 'ऑपरेशन विजय' के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों को खदेड़कर विजय प्राप्त की और इस विजय को हर साल 26 जुलाई को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध का कोड नेम
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना की कार्यवाही को 'ऑपरेशन विजय' नाम दिया गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना की टोलोलिंग टॉप को कब्जे से छुड़ाने के लिए तीन टुकड़ियों में बांटा गया था, जिन्हें 'अभिमन्यु', 'भीम', और 'अर्जुन' नाम दिए गए थे।

कारगिल का पुराना नाम
कारगिल जिला लद्दाख के अंतर्गत आता है, हालांकि जब युद्ध हुआ था तब यह जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था। मौजूदा कारगिल जिले का अधिकांश भाग कभी 'पुरीग' के नाम से जाना जाता था।

कारगिल विजय दिवस का महत्व
26 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना ने टाइगर हिल, प्वाइंट 4875, प्वाइंट 5140 समेत सभी पहाड़ी चोटियों को पाकिस्तानी सेना के कब्जे से आजाद कराया था। यह तारीख भारतीय सेना के वीर जवानों की बहादुरी और साहस की प्रतीक है।

कारगिल का असली हीरो: कैप्टन विक्रम बत्रा
कैप्टन विक्रम बत्रा, जिन्हें कारगिल वॉर का हीरो कहा जाता है, ने अपनी बहादुरी से इतिहास में अपनी जगह बनाई। उन्होंने दुश्मन के 5 सैनिकों को मार गिराया और गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अपने साथियों का नेतृत्व किया। उनके अद्वितीय साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

कारगिल युद्ध का कारण
कारगिल युद्ध तब शुरू हुआ जब पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। पाकिस्तानी सेना ने कश्मीरी आतंकवादियों के रूप में घुसपैठ कर महत्वपूर्ण ठिकानों पर कब्जा करने की कोशिश की थी।

युद्ध के समय के प्रधानमंत्री
कारगिल युद्ध के समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। उन्होंने ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री उस समय नवाज शरीफ थे।

युद्ध में मददगार देश
कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल ने भारत की मदद की थी। उन्होंने गाइडेड एम्युनिशन और ड्रोन समेत अन्य मिलिट्री सप्लाय और इक्विपमेंट देकर भारतीय सेना की सहायता की।

युद्ध की अवधि
नेशनल वॉर मेमोरियल के अनुसार, कारगिल युद्ध करीब 3 महीने तक चला था। इसकी शुरुआत मई 1999 में हुई थी और इस दौरान 674 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

युद्ध का परिणाम
1999 के कारगिल युद्ध में भारत ने विजय प्राप्त की। भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों को हरा कर अपनी भूमि की रक्षा की और अपनी वीरता का प्रदर्शन किया।

कारगिल विजय दिवस उन सभी वीर जवानों को समर्पित है जिनकी बहादुरी और बलिदान ने भारत को गर्व का अवसर दिया। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है और हमें अपने वीर जवानों की अद्वितीय वीरता को याद दिलाता है।

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