मलप्पुरम: केरल के मलप्पुरम के 2 मुस्लिम विद्यार्थियों (बासित और जाबिर) ने ऑनलाइन रामायण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जीतकर लोगों को दंग कर दिया है। महान महाकाव्य के गहन ज्ञान ने बासित और जाबिर को विजेता बनाने में सहायता की है। इस प्रतियोगिता का ऑनलाइन आयोजन दिग्गज प्रकाशक कंपनी डीसी बुक्स ने किया था। दोनों उत्तरी केरल जिले के वलांचेरी में KKSM इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज के विद्यार्थी हैं। विद्यार्थियों ने कहा कि वे बचपन से महाकाव्य के बारे में जानते थे। उन्होंने वाफी पाठ्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद रामायण एवं हिंदू धर्म के बारे में गहराई से पढ़ना और सीखना आरम्भ कर दिया, जिसके पाठ्यक्रम में सभी प्रमुख धर्मों की शिक्षाएं हैं।
जाबिर ने कहा, 'सभी भारतीयों को रामायण एवं महाभारत महाकाव्यों को पढ़ना एवं सीखना चाहिए क्योंकि वे देश की संस्कृति, परंपरा और इतिहास का भाग हैं। मेरा कहना है कि इन ग्रंथों को सीखना और समझना हमारी जिम्मेदारी है। राम को अपने पूज्नीय पिता दशरथ से किए गए वादे को पूरा करने के लिए अपने प्रदेश का भी त्याग करना पड़ा। सत्ता के लिए अंतहीन संघर्षों के समय में रहते हुए, हमें राम जैसे पात्रों और रामायण जैसे महाकाव्यों के संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए।'
बासित महसूस करते हैं कि व्यापक पठन अन्य धर्मों एवं इन समुदायों के व्यक्तियों को ज्यादा समझने में सहयता करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि सिर्फ शांति एवं सद्भाव का प्रचार करता है। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी जीतने से उन्हें महाकाव्य को और गहराई से सीखने की प्रेरणा प्राप्त हुई है। यदि आप बासित से रामायण की उनकी पसंदीदा चौपाई के बारे में पूछें, तो वह तत्काल 'अयोध्याकांड' की चौपाई को दोहरा देते हैं। इसमें लक्ष्मण के क्रोध एवं प्रभु श्री राम की तरफ से अपने भाई को दी जा रही सांत्वना का वर्णन है। इसमें प्रभु श्री राम साम्राज्य एवं शक्ति की निरर्थकता को विस्तार से बता रहे हैं।
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