पटना: केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग के खिलाफ फैसला सुनाए जाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार ने एक रहस्यमयी प्रतिक्रिया दी है। 12 सांसदों के साथ NDA की अहम सहयोगी JDU के प्रमुख नीतीश से सोमवार को संसद में केंद्र सरकार के बयान के बारे में पूछा गया। बिहार विधानसभा में पत्रकारों के सवालों के जवाब में राज्य के सबसे लंबे समय तक सीएम रहे नीतीश ने कहा कि, "सब कुछ धीरे धीरे जान जाइएगा।"
अपनी अस्पष्ट टिप्पणी के बाद पत्रकारों की ओर मुस्कुराते हुए नीतीश कुमार ने हाथ हिलाया और सदन की ओर चले गए। दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने दम पर बहुमत पाने में विफल रही और सरकार बनाने के लिए उसे अपने सहयोगियों पर बहुत अधिक निर्भर होना पड़ा। फिर भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और 240 सीटें जीतीं, लेकिन नीतीश कुमार की जेडी(यू) और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के समर्थन के बाद वह 272 सीटों के साथ सरकार बनाने में सफल रही। लोकसभा चुनाव में जीत के तुरंत बाद एनडीए सहयोगी जेडी(यू) ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की, जिसमें बिहार के लिए विशेष दर्जे की नई मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया।
केंद्र सरकार में दो मंत्रियों वाली जेडी(यू) के नेताओं ने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव में "विशेष पैकेज और अन्य प्रकार की मदद" की भी बात कही गई है और बिहार को नरेंद्र मोदी सरकार से अभी भी बहुत कुछ मिल सकता है। केंद्र सरकार ने जहां बिहार के विशेष दर्जे के अनुरोध को ठुकरा दिया, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पेश करते हुए राज्य के लिए बड़ी वित्तीय सहायता की घोषणा की।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार बजट के अनुसार बिहार में हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए परियोजनाएं शुरू करेगी। उन्होंने कहा, "हम बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्वोदय योजना तैयार करेंगे।"
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