वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद् ने अंतिम निर्णय लिया है कि एक अप्रैल 2018 से देशभर में अंतर्राज्यीय ई-वे बिल लागू हो जायेगा. जीएसटी परिषद् की यह 26वीं बैठक थी जिसके बाद जेटली ने कहा कि, अंतर्राज्यीय ई-वे बिल राज्यों के चार समूहों के साथ चरणों में लागू होगा और एक अप्रैल से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और अप्रैल के अंत तक यह पूरे देश में लागू कर दिया जायेगा.
इससे पहले 24 फरवरी को बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह की बैठक में अंतर्राज्यीय माल ढुलाई के लिए ई-वे बिल को एक अप्रैल से अनिवार्य रूप से लागू करने की सिफारिश की गई थी. जीएसटी व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं की ढुलाई के लिए ई-वे बिल तैयार करने और उसे मालवाहक वाहन के साथ ले जाने की जरूरत है.
जेटली ने आगे यह भी कहा कि, परिषद् ने रिटर्न दायर करने के लिए दो वैकल्पिक विधियों पर विचार किया है फ़िलहाल इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है. रिटर्न दायर करने की मौजूदा प्रक्रिया को 3 महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों के समूह और सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ विमर्श किये गए मॉडल की जाँच करेंगे, जिसके बाद इसे अमल में लाया जायेगा.
रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म लागू करने का फैसला भी अगले तीन महीनों के लिए टाल दिया गया है इसके तहत खरीददार को वस्तुओं की खरीद पर जीएसटी भरना पड़ता है इसे उस मामले में लागू किया जाता है जब जीएसटी के तहत पंजीकृत कारोबारी ऐसे आपूर्तिकर्ता से वस्तु खरीदता है जो जीएसटी के तहत पंजीकृत नहीं है.
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