नईदिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर द्वारा दिए जाने वाले बयानों को कांग्रेस नकारती रही है। पार्टी द्वारा कहा जाता रहा है कि यह मणिशंकर अय्यर की निजी राय है। पार्टी की राय नहीं है। मणिशंकर अय्यर के बयानों पर पार्टी एकमत नहीं है। मगर अब पार्टी उनके बयानों से पिंड नहीं छुड़ा सकेगी। दरअसल उन्हें कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी ग्रुप का सदस्य बनाया गया है। समूह में पी चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयराम रमेश और आनंद शर्मा आदि नेताओं को स्थान मिल गई है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग को तात्कालिक मसलों पर अपनी राय देना होगी। अय्यर द्वारा कुछ ही माह पहले पाकिस्तान यात्रा के दौरान यहां के निजी चैनल में बयान दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से पीछा छुड़ाने में यदि हम उनकी सहायता करें तो फिर कांग्रेस की सरकार के आने का इंतज़ार किया जाएगा।
मणिशंकर अय्यर द्वारा कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मिले थे उसी समय पार्टी द्वारा उनके रूख से स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि उन्हें कांग्रेस ने नहीं भेजा। गौरतलब है कि मणिशंकर अय्यर को लेकर यह कहा गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाय बेचने वाला कहा। ऐसे में कांग्रेस की किरकिरी हो गई थी। मणिशंकर अय्यर के बयान से इन बातों को अलग कर दिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर से उन्होंने किस तरह से दूरी बना ली थी। मणिशंकर अय्यर के बयान को विरोधियों ने राजनीतिक तमाशा बताया है।
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