आज के समय में पूरे भारत में केवल धर्म की लड़ाई चल रही है लेकिन धर्म से बड़ी इंसानियत होती है। इस बात का सबूत ये मामला है. जी दरअसल राजा बाजार के सबनपुरा के एक मुस्लिम परिवार ने भाईचार और सौहार्द्र की मिसाल पेश की। यहाँ हिंदू बुजुर्ग की अर्थी सजाने के बाद उसे कंधा देकर मुस्लिम लोगों ने अंतिम संस्कार किया। मिली जानकारी के तहत सबनपुरा के लोगों ने बताया कि मो. अरमान की दुकान पर 25 वर्ष पहले रामदेव भटकते हुए आये थे। उसके बाद रामदेव को अरमान ने काम पर रख लिया।
वहीं उसके बाद से अब तक रामदेव मो. अरमान के यहां परिवार के सदस्य की तरह रहते थे। बीते शुक्रवार को 75 वर्षीय रामदेव का निधन हो गया और अरमान के परिवार और आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सहयोग करते हुए रामदेव की अर्थी तैयार की और कंधा देकर श्मशान तक ले गए। वहीं इसके बाद हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। दूसरी तरफ रामदेव की मौत से अरमान का पूरा परिवार में सदमे है और बताया गया कि रामदेव के परिवार में कोई नहीं था और उसका सबकुछ अरमान और उनका परिवार ही था।
बताया जा रहा है रामदेव साह (75) के निधन से रिजवान के पूरे परिवार में शोक की लहर है। मो. रिजवान ने कहा कि रामदेव साह को 25 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति लेकर आया था। इसके आलावा उसने कहा कि काम के लिए ये भटक रहे हैं। मेरी दुकान बुद्धा प्लाजा में मदीना होजियरी के नाम से है। मैंने बगैर कुछ पुछे काम पर रख लिया था। रामदेव पढ़े लिखे थे। मेरे यहां एकाउंट देखते थे।
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