अहमदाबाद: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कई ऐसी खबरें आ रहीं हैं जो चौकाने वाली हैं। अब जो खबर आई है वह सभी को हैरान कर रही है। जी दरअसल भाजपा के पूर्व विधायक बालकृष्ण पटेल रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। जी हाँ और पटेल ने दावा किया कि कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के बावजूद उन्हें सत्तारूढ़ दल में दरकिनार किया गया। आप सभी को बता दें कि यहां पार्टी मुख्यालय में 66 वर्षीय बालकृष्ण पटेल का गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल ने स्वागत किया।
जी हाँ, इसी के साथ यह भी बता दें कि बालकृष्ण पटेल 2012 में कांग्रेस के सिद्धार्थ पटेल को हराकर विधायक बने थे। साल 2012 से साल 2017 के बीच वडोदरा जिले की दभोई सीट का प्रतिनिधित्व किया। वहीं कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक पटेल ने कहा, ''मैंने कई वर्षों तक जिला और तालुका स्तर पर भाजपा को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। मुझे 2017 के चुनावों के लिए टिकट नहीं दिया गया, जबकि मैं तब विधायक था। यहां तक कि मेरे बेटे को अहम जिला पंचायत चुनाव में भी टिकट से वंचित कर दिया गया। मैंने भाजपा को इसलिए छोड़ा क्योंकि मुझे लगातार उपेक्षित और दरकिनार किया जा रहा था।''
आपको बता दें कि दभोई सीट पर 2017 में भाजपा के शैलेश मेहता ने कांग्रेस के सिद्धार्थ पटेल को हराया था। जी हाँ और अब इसी बीच बलाकृष्ण पटेल ने कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में अपने या अपने बेटे को टिकट की उम्मीद के बिना कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
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