इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है, जो हमारे शरीर में नैचुरल तरीके से बनता है और ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करता है। डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है, जिससे उनके शरीर में शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं इंसुलिन के बारे में और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से।
इंसुलिन एक हार्मोन होता है जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। यह अग्न्याशय (Pancreas) द्वारा निर्मित होता है और ब्लड से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाकर ऊर्जा के रूप में उपयोग करने में मदद करता है। इसके अलावा, इंसुलिन रक्त कोशिकाओं तक खून पहुंचाने का काम भी करता है। अगर इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता, तो व्यक्ति थकान और अन्य समस्याओं का सामना कर सकता है।
इंसुलिन का उपयोग मुख्य रूप से दो प्रकार की मधुमेह (Diabetes) के इलाज के लिए किया जाता है:
इंसुलिन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है जब शरीर इंसुलिन का प्रभाव सही तरीके से नहीं समझ पाता। इसके लक्षण तब तक नजर नहीं आते जब तक यह प्रीडायबिटीज या टाइप 2 मधुमेह में नहीं बदल जाता। स्वस्थ वजन बनाए रखना, सही आहार खाना और नियमित व्यायाम करके इंसुलिन प्रतिरोध को रोका जा सकता है या इसे उलटने की कोशिश की जा सकती है।
इंसुलिन लेने के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं:
इंसुलिन डायबिटीज के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके सही उपयोग से सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
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