इंसुलिन के अधिक इस्तेमाल से हो सकता है नुकसान

इंसुलिन के अधिक इस्तेमाल से हो सकता है नुकसान
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इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है, जो हमारे शरीर में नैचुरल तरीके से बनता है और ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करता है। डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है, जिससे उनके शरीर में शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं इंसुलिन के बारे में और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से।

इंसुलिन का काम

इंसुलिन एक हार्मोन होता है जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। यह अग्न्याशय (Pancreas) द्वारा निर्मित होता है और ब्लड से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाकर ऊर्जा के रूप में उपयोग करने में मदद करता है। इसके अलावा, इंसुलिन रक्त कोशिकाओं तक खून पहुंचाने का काम भी करता है। अगर इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता, तो व्यक्ति थकान और अन्य समस्याओं का सामना कर सकता है।

इंसुलिन का उपयोग

इंसुलिन का उपयोग मुख्य रूप से दो प्रकार की मधुमेह (Diabetes) के इलाज के लिए किया जाता है:

  • टाइप 1 मधुमेह: इसमें शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनाता, इसलिए इंसुलिन का इंजेक्शन आवश्यक होता है।
  • टाइप 2 मधुमेह: कभी-कभी इसमें भी इंसुलिन का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह अधिकतर जीवनशैली और आहार से नियंत्रित किया जा सकता है।

इंसुलिन के प्रकार

इंसुलिन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तेजी से काम करने वाला इंसुलिन: यह जल्दी असर दिखाता है, लेकिन इसका असर कम समय तक रहता है।
  • मध्यम-कालिक इंसुलिन: यह मध्यम समय तक काम करता है।
  • लंबे समय तक काम करने वाला इंसुलिन: इसका असर लंबे समय तक रहता है।

इंसुलिन प्रतिरोध

इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है जब शरीर इंसुलिन का प्रभाव सही तरीके से नहीं समझ पाता। इसके लक्षण तब तक नजर नहीं आते जब तक यह प्रीडायबिटीज या टाइप 2 मधुमेह में नहीं बदल जाता। स्वस्थ वजन बनाए रखना, सही आहार खाना और नियमित व्यायाम करके इंसुलिन प्रतिरोध को रोका जा सकता है या इसे उलटने की कोशिश की जा सकती है।

इंसुलिन के साइड इफेक्ट्स

इंसुलिन लेने के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं:

  • हाइपोग्लाइसीमिया (कम रक्त शर्करा): अधिक इंसुलिन लेने से कोशिकाएं अधिक शर्करा अवशोषित कर लेती हैं, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाता है। इससे दौरे या बेहोशी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
  • वज़न बढ़ना: अधिक इंसुलिन लेने से वज़न बढ़ सकता है।
  • इंसुलिन एलर्जी: कुछ लोगों को इंसुलिन से मतली और उल्टी हो सकती है।
  • इंजेक्शन स्थल पर प्रतिक्रिया: इंसुलिन इंजेक्शन के स्थान पर लालिमा, खुजली, दर्द और कोमलता हो सकती है।
  • ऊपरी श्वसन संक्रमण: इंसुलिन लेने से ऊपरी श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • लिपोडिस्ट्रोफी: एक ही जगह पर बार-बार इंसुलिन इंजेक्ट करने से त्वचा में बदलाव आ सकते हैं और गड्ढे भी हो सकते हैं।

इंसुलिन डायबिटीज के मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके सही उपयोग से सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जिनका ध्यान रखना जरूरी है।

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