'सब CM की जानकारी में तय हुआ था', भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर बोलीं के के शैलजा

'सब CM की जानकारी में तय हुआ था', भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर बोलीं के के शैलजा
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तिरुवनंतपुरम: माकपा की वरिष्ठ नेता के के शैलजा (K K Shailaja) ने कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान अत्यधिक कीमत पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया है। जी दरअसल हाल ही में उन्होंने कहा है कि यह स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) की जानकारी में किया गया था। इसी के साथ शैलजा ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग को सुरक्षात्मक गियर की कमी का सामना करना पड़ा, तो सीएम ने इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पीपीई किट की खरीद का निर्देश दिया और इस प्रकार प्रत्येक किट के लिए 1,500 रुपये खर्च किए गए, जो पहले सिर्फ 500 रुपये में उपलब्ध था।

आप सभी को बता दें कि शैलजा, जिन्होंने कोविड ​​​​स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वैश्विक प्रशंसा हासिल की थी, बीते शुक्रवार को कुवैत में एक एनआरके संगठन द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद बोल रही थीं। इस दौरान पूर्व मंत्री ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रहरी लोकायुक्त द्वारा दो साल पहले पीपीई किट की खरीद में भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर नोटिस जारी करने के मद्देनजर स्पष्टीकरण दिया। वहीं यहाँ शैलजा ने कहा कि केरल चिकित्सा सेवा निगम (KMSCL) के लोगों ने उन्हें सूचित किया था कि उनके पास पीपीई किट का स्टाक खत्म होने वाला है और अगर इसे नहीं खरीदा गया तो स्वास्थ्य कर्मियों की जान को खतरा होगा।मैंने सीएम से पूछा और उन्होंने कहा कि इसे किसी भी उपलब्ध स्रोत से खरीदा जा सकता है ।।। लेकिन गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए।'

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इसी के साथ शैलजा ने कहा कि जिस पीपीई किट की कीमत 500 रुपये थी, उसे 1500 रुपये में बेचा जा रहा था।' हालांकि, फिर भी सरकार ने इसे भारी कीमत पर खरीदने का फैसला किया, क्योंकि लोगों का जीवन अधिक महत्वपूर्ण था। जी हाँ और यह इंगित करते हुए कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत, सरकार को अन्य चीजों को छोड़कर ऐसे सुरक्षात्मक उपकरण एकत्र करने की स्वतंत्रता है, उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक किट के लिए 1,500 रुपये खर्च करके 50,000 पीपीई किट खरीदने का निर्णय लिया गया था।

इसके अलावा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'इसमें से कुल 15000 किट उसी कीमत पर खरीदे गए थे। उस समय तक, पीपीई किट का बाजार मूल्य कम होना शुरू हो गया था। इसलिए, हमने शेष 35,000 किट के लिए आर्डर रद्द कर दिया और बाद में इसे कम बाजार मूल्य पर खरीद लिया।' आपको बता दें कि पीपीई किट खरीद पर लोकायुक्त के नोटिस पर मुख्यमंत्री विजयन और सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

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