देहरादून: विवादित फैक्ट चेक पोर्टल ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने एक बार फिर एक भड़काऊ खबर को हवा दी है। जुबैर ने कुरान जलाने को लेकर एक पोस्ट की थी, जिसका हरिद्वार पुलिस ने फैक्ट चेक कर दिया। मोहम्मद जुबैर ने अपने पोस्ट में कुरान जलाने की बात को सच मान लिया था, मगर पुलिस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
A video doing rounds on social media where a Youtuber from Roorkee has posted a video of him burning and stamping Quran. Request you to kindly look in this ASAP.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) May 27, 2024
C'C : @haridwarpolice @uttarakhandcops
Not sharing the sensitive video and his personal details here on this…
स्वघोषित फैक्ट चेकर जुबैर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि, “सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें रूड़की का एक यूट्यूबर कुरान जलाते और उसे नष्ट करते हुए नज़र आ रहा है। इस मामले पर जल्द से जल्द रूड़की पुलिस संज्ञान ले।” हालाँकि, जुबैर ने वीडियो अपनी पोस्ट में नहीं डाली थी। हर छोटी-मोटी का फैक्ट चेक करने वाले मोहम्मद जुबैर ने इस मामले में तथ्यों की जांच करके सच्चाई सामने रखना सही नहीं समझा और इस खबर को इस तरीके से शेयर किया कि लोग इसे एकदम सच मान लें। जुबैर ने ना ही यह बताया कि यह वीडियो कब का है और ना ही वीडियो बनाने वाले के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी दी।
हालाँकि, मोहम्मद जुबैर के इस इरादे को हरिद्वार पुलिस ने ध्वस्त कर दिया। पुलिस ने इस वीडियो की सच्चाई बताते हुए पोस्ट में लिखा कि, “संदर्भित प्रकरण में Ex-मुस्लिम समीर बीते लगभग 03 वर्षों से ‘पाडली गुर्जर’ नामक स्थान में नहीं रह रहा है और न ही जनपद हरिद्वार में कहीं भी पवित्र कुरान की बेअदबी का कोई मामला हुआ है। अतः बिना जानकारी के प्रकरण को साझा न करें, अन्यथा आपके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है।”
संदर्भित प्रकरण में Ex-मुस्लिम समीर पिछले लगभग 03 साल से 'पाडली गुर्जर' नामक स्थान में नहीं रह रहा है और न ही जनपद हरिद्वार में कहीं भी पवित्र कुरान की बेअदबी का कोई प्रकरण हुआ है।
— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) May 27, 2024
अतः बिना जानकारी के प्रकरण को शेयर न करें अन्यथा आपके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है। pic.twitter.com/hxSGtskzTM
हरिद्वार पुलिस के स्पष्टीकरण के बाद लोगों ने मोहम्मद जुबैर को कटघरे में खड़ा किया, और कार्रवाई की माँग की। एक यूजर ने लिखा कि , “पुलिस इस प्रकार की किसी भी घटना से इनकार कर रही है। तुमने फैक्ट चेक क्यों नहीं किया और पुलिस से स्पष्टीकरण प्राप्त किए बिना इसे पोस्ट क्यों किया? तुमने स्पष्टीकरण के लिए हर अन्य घटना की तरह उत्तराखंड पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया? उत्तराखंड पुलिस कृपया इस पोस्ट पर संज्ञान ले। जुबैर नाम का व्यक्ति फर्जी जानकारी देकर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहा है।”
बता दें कि, इस तरह की खबरों से साम्प्रादायिक तनाव फैलने का खतरा निरंतर बना रहता है। इससे पहले जब मोहम्मद जुबैर ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के वीडियो का एक ख़ास हिस्सा छाँटकर साझा किया था, तब उन्हें मारने और ‘सर तन से जुदा’ की धमकियाँ मिली थीं। कट्टरपंथियों ने देश में इसके बाद जमकर उत्पात भी मचाया था। इसी के बाद उदयपुर में दरजी कन्हैया लाल, महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे जैसे लोगों की हत्या तक कर दी गई थी। ऐसे प्रकरणों के बाद जुबैर पर कार्रवाई की माँग उठने लगी है। बता दें कि, भारत में ईशनिंदा को लेकर कोई आपराधिक कानून नहीं है, जबकि कई इस्लामी देशों में इसकी सजा मौत है। पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई मैनेजर को भीड़ ने केवल इसलिए जिन्दा जला दिया था, क्योंकि उसने गलती से मोहम्मद लिखे हुए एक कागज़ को फाड़ दिया था। लेकिन, भारत में हाल ही में रामचरितमानस फाड़ी गई, उसके पन्ने जलाए गए, सनातन को नष्ट कर देने की मांग की गई, पर कानून के अभाव में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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