भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वन-डे में कई रिकॉर्ड दर्ज किये है, अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम को विजयी बनाने वाले विराट कोहली का जीवन कई संघर्षो से भरा हुआ है. अपने शुरूआती दिनों में क्रिकेट के लिए तो उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन एक समय ऐसा आया की विराट के पिता की मौत हो गयी और वह पणजी ट्राफी में मैच खेल रहे थे.
उल्लेखनीय है की भारतीय क्रिकेट टीम के धुरंधर बल्लेबाज विराट कोहली के जीवन के संघर्षो के बारे में पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब डेमॉक्रेसी इलेवन में बताया गया है जिसमें विराट के पिता की मौत की घटना का भी जिक्र किया गया है. किताब में बताया गया कि- ''विराट के पिता प्रेम कोहली का निधन 54 के साल की उम्र में 2006 में ब्रेन स्ट्रोक के कारण हुआ. उस वक्त विराट की उम्र महज 18 साल थी और वह दिल्ली रणजी टीम की ओर से खेल रहे थे. दिल्ली का मैच कर्नाटक के खिलाफ था. पहले दिन कर्नाटक ने पहली पारी में 446 रन बनाए थे. दूसरे दिन विराट एंड कंपनी के सामने मैच बचाने की चुनौती थी क्योकि टीम के पांच विकेट जा चुके थे. कोहली और पुनीत बिष्ट की सांझेदारी ने 103 रन का स्कोर किया था. उसी रात विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का निधन हो गया,लेकिन विराट ने दूसरे दिन भी बल्लेबाजी की और 90 रन की पारी खेली. उसके बाद वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए चले गये.''
बता दे कि किताब के अनुसार विराट कोहली अपने पिता प्रेम कोहली के बेहद करीब थे, वह एक क्रिमिनल लॉयर थे. प्रेम कोहली अपने 9 साल के बेटे को स्कूटर पर बैठाकर पहली बार वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी लेकर गए थे और उसी समय से कोहली ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी.
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