नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत और चीन के बीच रिश्तों को आपसी संवेदनशीलता, आपसी सम्मान और आपसी हित के तीन संबंधों पर आधारित होना चाहिए, ताकि वे सकारात्मक रास्ते पर वापस आ सकें और टिकाऊ बने रहें।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (29 अगस्त) को एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के उद्घाटन पर भाषण देते हुए यह भी कहा कि बॉर्डर की स्थिति भारत-चीन संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी। इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम केविन रुड भी पहुंचे थे। विदेश मंत्री ने आगे कहा है कि, 'संबंधों को एक सकारात्मक रास्ते पर लौटने और टिकाऊ बनाए रखने के लिए, उन्हें तीन पारस्परिक पर आधारित होना चाहिए- पारस्परिक संवेदनशीलता, पारस्परिक सम्मान और पारस्परिक हित।'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों पर बयान देते हुए आगे कहा है कि, 'उनकी मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से आप सभी को अच्छी तरह से पता है। मैं सिर्फ यह दोहरा सकता हूं कि सरहद की स्थिति संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी।' भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध बीते 27 महीने से ज्यादा समय से चल रहा है। इसके लिए कई बार दोनों देशों में सैन्यवार्ता भी हो चुकी है।
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