श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई है. जबकि 15 लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस हादसे के एक चश्मदीद ने बताया है कि नए साल माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए लगभग डेढ़ लाख की तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे, मगर प्रशासन ने इसके लिए कोई प्रबंध नहीं किए थे. एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि वह भगदड़ से बचने के लिए एक खंभे से लटक गया. वहीं कुछ श्रद्धालुओं के परिजन अब भी लापता बताए जा रहे हैं.
ग्रेटर नोएडा के चश्मदीद गिरीश ने बताया कि मैं भीड़ में फंसा हुआ था. वहां पर सुरक्षाबल लोगों को डंडे मार रहे थे. सुरक्षाबलों ने जैसे ही डंडे मारना आरंभ किया, लोग फ़ौरन पीछे भागने लगे. मैं उस भीड़ में दब गया था. वहां से जैसे तैसे निकला. गेट नंबर तीन की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक खंभा पकड़कर लटक गया, तब जाकर इस भगदड़ से बच सका. अमृतसर से माता वैष्णोदेवी के दर्शन करने पहुंचे संदीप कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है.
संदीप ने बताया कि वे अभी मंदिर के आसपास कहीं फंसी हुईं हैं. उनके साथ उनका 9 साल का पुत्र भी है. अभी तक संपर्क नहीं हो पा रहा है. अनाउंसमेंट भी करा दिया है. उनका फोन बंद आ रहा है. संदीप ने कहा कि स्टेशन पर कोरोना जांच कराई थी, मगर घंटों तक लाइन में लगे रहने के बाद भी किसी ने अभी तक पर्ची चेक नहीं की है. संदीप कहते हैं कि प्रशासन का इंतज़ाम बदतर है. डेढ़ लाख लोगों की भीड़ को मैनेज करने के लिए कोई किसी प्रकार का कोई प्रबंध नहीं था.
'मैं दो कौड़ी के लोगों का नाम नहीं लेता..' जब राहत इंदौरी ने अटल जी को लेकर कही थी भद्दी शायरी