आइब्रो से आपकी आंखों की खूबसूरती बढ़ती है. लेकिन कई लड़कियों की आइब्रो कम होती हैं जिन्हें डार्क करने के लिए उन्हें पेंसिल का इस्तेमाल करना पड़ता है. वहीं आइब्रो को खूबसूरत बनाने के लिए आप पार्लर के ट्रीटमेंट भी लेते हैं. यहां हम बात कर रहे हैं आइब्रो माइक्रोब्लेडिंग की. यह एक टैटू आर्ट है जिसमें मशीन के जरिये नैचुरल हेयर को स्किन के अंदर इम्प्लांट किया जाता है और टैटू की तरह मशीन से स्किन के अंदर रंगों को भरा जाता है. लेकिन अगर आप भी ये करवा रही हैं तो पहले एक्सपर्ट्स से जान लें क्या है इसके फायदे और नुकसान.
क्या यह दर्दनाक प्रकिया है?
इस प्रक्रिया में दर्द होता है. आप निश्चित रूप से स्किन को काटने वाले ब्लेड को महसूस कर सकते हैं. इससे आपको ऐसा लग सकता है जैसे कोई छोटे-छोटे कागज काट रहा है. और जब सुन्न करने वाली क्रीम का असर बंद हो जाता है, तो आपको पीड़ा और खुजली हो सकती है. आपकी ब्रो रेड हो सकती हैं लेकिन कुछ देर में ये ठीक हो जाती है.
उसके बाद चेहरे को गीला नहीं कर सकते
इस प्रक्रिया के बाद आप एक हफ्ते तक चेहरा नहीं धो सकते. आपकी आइब्रो को ठीक होने के लिए थोड़ा समय चाहिए, इसलिए आप अपनी आइब्रो को गीला नहीं कर सकते हैं. अपने माथे को साफ करने के लिए आपको आइब्रो के आसपास के हिस्से को छोड़कर बाकी हिस्से को आराम से पोछें. नहाने के दौरान भी चेहरे को गीला करने से बचें.
सेकंड अपॉइंटमेंट की होती है जरूरत
वास्तव में सेकंड अपॉइंटमेंट को फॉलो-अप ट्रीटमेंट कहते हैं. इस दौरान पहले अपॉइंटमेंट के दौरान छूटे स्पॉट्स को फिल किया जाता है. सेकंड अपॉइंटमेंट आमतौर पर 6-8 सप्ताह के भीतर हो सकता है.
आपकी ब्रो कुछ महीने बाद हेयर स्ट्रोक की तरह नहीं दिखती
एक साल बाद या जब हेयर स्ट्रोक फैड होना शुरू हो जाती है, तो आपको टच-अप के लिए जाना होगा. अगर आप बिल्कुल न्यू ब्रो के लिए ट्रीटमेंट ले रहे हैं, तो यह आपके लिए महंगा साबित हो सकता है. इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप जहां यह उपचार ले रहे हैं, उसके पास लाइसेंस है या नहीं.
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