नई दिल्ली: फेसबुक ने सियासी विज्ञापनों को उम्मीदवार तथा लॉबिंग समूहों की आवाज के लिये आवश्यक बताते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर इस तरह के विज्ञापनों को बंद करने से मना कर दिया है। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि एक लोकतंत्र में नेताओं या खबरों पर पाबन्दी लगाना प्राइवेट कंपनियों के लिये ठीक है।'
उन्होंने कहा है कि हमने पहले भी इस बात पर विचार किया है कि हमें ऐसे विज्ञापन चलाने चाहिये या नहीं और हम आगे भी इस पर मंथन करते रहेंगे। हालांकि अभी के हिसाब से हमने इसे जारी रखने का फैसला लिया है। उन्होंने गूगल, यूट्यूब, केबल नेटवर्क और टेलीविजन चैनलों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ये सब अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे विज्ञापन चलाते हैं।
जुकरबर्ग ने आगे कहा कि कंपनी ने इन विज्ञापनों को राजस्व की वजह से जारी रखने का फैसला नहीं लिया है। यह फैसला इसलिये लिया गया है कि ये विज्ञापन उम्मीदवारों व लॉबिंग समूहों की अहम आवाज हैं। उन्होंने कहा है कि राजनीतिक विज्ञापन अगले वर्ष कंपनी के राजस्व में 0.50 फीसद से भी कम योगदान देंगे। आपको बता दें कि ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों पर पाबन्दी लगा दी है।
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