जबलपुर: देशभर में साइबर क्राइम की घटनाएं अब तेजी से बढ़ रही हैं तथा इसने हर किसी को सावधान रहने पर मजबूर कर दिया है। साइबर अपराधी कभी लालच तो कभी डर का सहारा लेकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं और लाखों रुपये की धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया है, जहां एक युवती ने फेसबुक पर दोस्ती करके एक बुजुर्ग से 53 लाख रुपये की ठगी कर दी।
यह घटना जबलपुर शहर से जुड़ी है, जिसमें एक वृद्ध व्यक्ति की फेसबुक पर दोस्ती करने के पश्चात्, एक युवती ने उसे ठगी का शिकार बना लिया। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उसकी पहचान सोनम यादव नाम की एक युवती से फेसबुक के जरिए हुई थी। युवती ने स्वयं को दिल्ली की रहने वाली बिजनेस वुमन बताया तथा दोनों के बीच नियमित संपर्क होने लगा। आहिस्ता-आहिस्ता, युवती ने बुजुर्ग से दोस्ती बढ़ाई और एक दिन उसे एक कॉल की। लड़की ने फोन करके कहा कि वह दिल्ली एयरपोर्ट से सोने (गोल्ड) की खेप लेकर जा रही थी, मगर उसे कस्टम विभाग और इनकम टैक्स की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। लड़की ने बुजुर्ग से कहा कि अधिकारी उसे छोड़ने के बदले बड़ी रकम की मांग कर रहे हैं। इस पर बुजुर्ग शख्स को यह विश्वास हो गया कि उसे इस मुश्किल में युवती की मदद करनी चाहिए और वह उसकी बातों में आ गया।
सोनम यादव की बातों में फंसा बुजुर्ग ने तुरंत अपने बैंक खातों से चेक के जरिए विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। इस धोखाधड़ी के पूरे मामले में सोनम यादव का साथी राहुल यादव भी सम्मिलित था। राहुल ने कस्टम विभाग का अधिकारी बनकर बुजुर्ग से कहा कि अगर पैसे नहीं मिलेंगे, तो वह सोनम यादव को जेल भेज देंगे। डर और विश्वास के चलते बुजुर्ग ने राहुल के बताए गए खातों में 53 लाख रुपये की बड़ी रकम जमा कर दी। तत्पश्चात, आरोपियों ने पैसे मिलने के बाद अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए और संपर्क से बाहर हो गए। जब बुजुर्ग को यह एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुका है, तो उसने तुरंत इस मामले की जानकारी पुलिस को दी।
पीड़ित बुजुर्ग का कहना है कि उसने कई बार युवती और राहुल यादव से संपर्क करने की कोशिश की, मगर दोनों के फोन बंद हो चुके थे। इससे उसकी चिंता और बढ़ गई और उसे समझ में आ गया कि उसे ठग लिया गया है। पुलिस को सूचित करने के पश्चात्, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने इस मामले में साइबर सेल को सूचित करते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। साइबर सेल ने जांच आरम्भ करते हुए इस ठगी के आरोपियों का पता लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। पुलिस अफसरों ने बताया कि इस प्रकार के साइबर अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद आवश्यक है। इसके साथ ही, साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
यह मामला न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे अपराधी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों के विश्वास का फायदा उठाकर उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं। अब इस मामले में पुलिस साइबर ट्रैकिंग और तकनीकी जांच के जरिए आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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