आपने देखा ही होगा कि आतंकवादी अक्सर AK-47 का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन ऐसा क्यों हैं ये आपने कभी नहीं सोचा होगा. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आतंकवादी और फाॅर्स इसी हथियार का इस्तेमाल क्यों करती है. जानते हैं इसके बारे में कुछ तथ्य.
सबसे पहले बता दें AK 47 का full form है, Automatic Kalashnikov – 47 (47 मतलब, 1947 में बनी थी). ये नाम इसके फाउंडर Mikhail Kalashnikov के नाम पर रखा गया.
* द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, एक टैंक कमांडर Mikhail Kalashnikov कंधे में चोट लगने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गया, वहाँ उसने सेवियत राइफल्स की शिकायत करने वाले घायल सैनिकों की सुनी और इसे बदलने का फैसला किया. हथियार डिजाइनर के रूप में अपना कैरियर शुरू किया. फिर 1942 से 1947 तक 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक चीज़ बनाई जिसे आज हम AK 47 कहते है.
* अफगानिस्तान से लेकर जिम्बांबे तक और दुनिया के 106 देशों की मिलिट्री और कुछ स्पेशल फोर्सेज़ आज AK-47 का प्रयोग करती है.
* इसके अलावा AK-47 राइफल दुनिया की अकेली ऐसी राइफल है, जो किसी भी वातावरण में काम कर सकती है. मतलब पानी, रेत या मिट्टी कुछ भी हो.
* AK-47 दुनिया की इकलौती ऐसी राइफल है जिसे बच्चे भी आसानी से चला सकते है. यही कारण है कि आप AK-47 चलाते हुए कई बच्चों की तस्वीर देख सकते है.
* यान बन्दूक केवल 8 पुर्जों से मिलकर बनी होती है और इन्हें एक मिनट से भी कम समय में जोड़ा जा सकता है.
* AK 47 दुनिया की सबसे ज्यादा ब्लैक (अवैध) रूप से बेची जाने वाली राइफल है.
* एक AK-47 गन की लाईफ 6000 से 15000 राउंड तक होती है. AK-47 की एक मैगज़ीन में 30 राउंड होते है.
* AK-47, 300 मीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगाती है. यदि शूटर जबरदस्त हुआ तो 800 मीटर पर भी लक्ष्य को मार सकता है.
इस अनोखे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ करवाई जाती हैं लड़कियों की शादी