चमगादड़ के बारे में आप ये जानते हैं कि वो अंधेरे में ही उड़ते है. रात में वे अच्छे से देख लेते हैं. लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि कैसे चमगादड़ अंधेरे में इन कलाबाजियों को कर पाती है. कई बार देखा जाता है कि वो अँधेरे में भी अच्छे से उड़ पाते हैं. ऐसे में आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि चमगादड़ के पंखों की विशिष्ट बनावट ही इस सबके लिए जिम्मेदार है. उसके पंखों के कारण ही वो रात में उड़ पाता है.
दरअसल हाल ही में किए गए एक शोध से यह पता चला है कि चमगादड़ के पंखों में सेंसर्स लगे होते है यानि कि कुदरती सेंसर्स होते है. इन्हीं सेंसर्स की मदद से चमगादड़ अंधेरे में भी बड़ी सफाई के साथ इन कलाबाजियों को दिखा पाती हैं. इस बारे में शोधकर्ताओं ने बताया कि चमगादड़ बड़ी ही अद्भुतता के साथ उड़ान भरने में एकदम सक्षम होते है. वहीं इसके पीछे का कारण होता है चमगादड़ों के पंख में पाया जाने वाला संवेदनशील मोशन सेंसर्स. बता दें, चमगादड़ अपने इन्हीं सेंसर्स की मदद से हवा में होने वाले उन छोटे-छोटे परिवर्तन को बड़ी आसानी के साथ महसूस कर लेते हैं. चमगादड़ के रात में उड़ने के पीछे का कारण है चमगादड़ के शरीर से निकलने वाली पराध्वनिक तिरंगे यानी कि अल्ट्रासाउंड तिरंगे होती हैं.
दरअसल हाल ही में किए गए इस शोध को जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया था. और किए गए इस शोध में यह सामने आया कि ये स्पर्श सेंसर्स आखिर किस प्रकार से चमगादड़ की इस तरह की कलाबाजी को करने में मदद करते हैं. वहीं शोध की मानें, तो चमगादड़ के पंख में लगे हुए यह सेंसर्स हवा में होने वाले मामूली से परिवर्तन को भी उसके दिमाग की कोशिकाओं तक पहुंचाने में मददगार होते हैं. शोधकर्ता ने चमगादड़ के पंखों में इस प्रकार के विशेष सेंसर्स के बारे कोई जिक्र नहीं किया है.
जब सैलानियों की जीप में आ घुसा चीता, रुकी धड़कनें