इस बात से सभी वाकिफ है कि ताजमहल प्यार कि निशानी है। इसे शाहजहाँ ने अपनी वाइफ मुमताज़ के लिए बनवाया था और कंस्ट्रक्शन कम्पलीट होने के बाद वर्कर्स के हाथ काट दिए गये थे ताकि भविष्य में इस तरह का कोई और ताज महल दुनिया में ना ही सके। खैर यह सभी वे बातें है जिसके बारे में आप जानते है लेकिन कुछ ऐसी बाते जिसके बारे में आप शायद ही जानते हो। हम बात कर रहे है ताजमहल के यह अननोन फैक्ट्स की।
1) कहते है इसे बनाने में करीब 21 सालों का समय लगा था। यह प्रसिद्ध ईमारत 1632 से लेकर 1653 के बीच बनकर तैयार हुई थी। इसे बनाने में ऑल ओवर एशिया से करीब 20,000 लेबर और 1,000 हाथी लगे थे। उस वक़्त हाथी ट्रांसपोर्ट का मुख्य साधन था। यह ईमारत को बनाने में 32 मिलियन रूपये खर्च किए गये है जिनकी वर्तमान कीमत 106.28 लाख अमेरिकी डॉलर है।
2) आपको जानकर थोड़ा आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है कि ताजमहल का कलर वक़्त के अनुसार बदलता है। जी हाँ! सुबह के वक़्त यह पिंकिश, शाम के वक़्त मिल्की वाइट और रात के वक़्त चाँद की रोशनी में यह गोल्डन कलर का दिखाई देता है।
3) वैसे आप ताजमहल घूमने गये हो या आप जाना चाहते हो लेकिन एक नज़र वहाँ बनी मीनार पर जरूर डाले क्योंकि यह है तो ताजमहल है। दरअसल, भूकंप और अन्य प्राक्रतिक समस्याओं से बचने के लिए इन्हें बनाया गया है। यह ताजमहल कि गुम्बद को गिरने से बचाते है। इसके साथ ही यमुना नदी का ताजमहल के करीब होना सबसे लाभदायक माना जाता है। कहा जाता है कि ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी से बना हुआ है जिसे मजबूत बना रहने के लिए नमी की जरूरत होती है। यह लकड़ी यमुना नदी के पानी से नमी सोखती है और ताजमहल को मजबूती प्रदान करती है।
4) वैसे सभी को लगता है कि दुनिया में सबसे ऊँची मीनार, क़ुतुब मीनार है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें, दुनिया में सबसे ऊँची क़ुतुब मीनार ताजमहल है। क़ुतुब मीनार की उंचाई 72.5 मीटर है और ताजमहल कि उंचाई 73 मीटर है।
5) ख़बरों के अनुसार द्वितीय विश्व युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध और नाइन इलेवन युद्ध के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसके चारों और बांस का घेरा बनाकर उसे हरे रंग की चादर से ढ़ककर छिपा दिया था जिससे यह दुश्मन को दिखाई न दे और दुश्मन इस पर हमला ना करे।
6) बताया जाता है कि यहाँ लगे सभी फंवारे एक साथ काम करते है। दरअसल, हर फंवारे के नीचे एक टंकी लगी है जो दबाव बनने पर एक साथ ऊपर पानी फेकती है। इतना ही नहीं यह सभी फंवारे बोना किसी मोटर या मशीन के पानी फेंकते है।
7) ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के नायाब पत्थरों को लगाया गया था। यह पत्थर चीन,तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाए गये थे लेकिन अंग्रेजों ने इन कीमती पत्थरों को निकाल लिया था।
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