फ़ैयाज़ ने की कांग्रेस नेता की बेटी की निर्मम हत्या, पिता को अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं ! बोले- CBI को सौंपी जाए जांच

फ़ैयाज़ ने की कांग्रेस नेता की बेटी की निर्मम हत्या, पिता को अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं ! बोले- CBI को सौंपी जाए जांच
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बैंगलोर: फ़ैयाज़ के हाथों बेरहमी से मारी गई नेहा के पिता और कांग्रेस पार्षद निरंजन हिरेमठ ने इस मामले अब CBI जाँच करने को कहा है। उन्होंने इस संबंध में कर्नाटक पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जाहिर किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हुबली कमिश्नर इस मामले में राज्य की कांग्रेस सरकार को गलत रिपोर्ट दे रही हैं।

नेहा के पिता निरंजन हिरेमठ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'नेहा की हत्या के मामले में मैंने 8 लोगों के नाम स्पष्ट तौर पर दिए हैं। उन्होंने एक भी व्यक्ति को नहीं अरेस्ट किया है। इसलिए मेरा विश्वास अब जाँच से उठता जा रहा है। मामले को भटकाने का प्रयास हो रही है। यदि उनसे यह जाँच नहीं हो रही, तो जाँच को CBI को दे देना चाहिए। कमिश्नर खुद एक महिला हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वह एक युवती के क़त्ल को गंभीरता से नहीं ले रहीं। शायद वह किसी दबाव में काम कर रही हैं। कमिश्नर का तबादला करके जाँच CBI को सौंपी जानी चाहिए।”

निरंजन हिरेमठ ने नेहा की हत्या के मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और गृह मंत्री जी परमेश्वरा पर भी गलत बयान देने के इल्जाम लगाए। उनके मुताबिक, हुबली की आयुक्त जाँच की गलत रिपोर्ट दे रही हैं, जिस चलते कांग्रेस के शीर्ष नेता गलत बयानी कर रहे हैं। उन्होंने माँग की है कि हुबली की कमिश्नर को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि उनका भरोसा टूट गया है, वह अपनी ही पार्टियों के नेताओं से इस मामले में तेज जाँच और कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।

 

उल्लेखनीय है कि, इससे पहले रविवार (21 अप्रैल, 2024) शाम को भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी भी निरंजन से मिलने पहुँचे। उन्होंने भी फ़ैयाज़ के हाथों नेहा की हत्या में CBI जाँच की माँग की और कहा कि सूबे के सीएम और गृहमंत्री जाँच को डिरेल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के कारण ऐसा हो रहा है। नड्डा ने कहा कि यदि कर्नाटक की पुलिस से जाँच नहीं हो पा रही, तो मामला CBI को दे दिया जाए। कर्नाटक के हुबली में गुरुवार (18 अप्रैल, 2024) को फ़ैयाज़ नामक एक युवक ने नेहा नाम की हिन्दू युवती को चाकुओं से गोद कर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। वह घात लगाए पहले से नेहा के इन्तजार में था और जब वह कॉलेज से बाहर आई, तो फ़ैयाज़ ने चाकुओं से हमला कर दिया। इस हमले में पीड़िता की दुखद मौत हो गई। फ़ैयाज़ को इस हमले के बाद अरेस्ट कर लिया गया था।

 

रिपोर्ट के अनुसार, फ़ैयाज़ नेहा पर उसके साथ रिश्ते में आने का दबाव बना रहा था और लड़की ने इससे इनकार कर दिया था। ऐसे में फ़ैयाज़ कई महीनों से उसका पीछा करता था। घटना वाले दिन जब नेहा उसके सामने आई, तो आरोपी फ़ैयाज़ ने उसके गले पर चाक़ू से कई वार किए, जो बताते हैं कि उसकी मंशा नेहा की हत्या करने की ही थी। पुलिस जाँच में भी पता चला है कि फ़ैयाज़ अपने दोस्तों से बोलते हुए फिरता था कि जिस लड़की ने उसका ऑफर ठुकराया है, वो उसे मार डालेगा। मामले के बारे में बताते हैं सिटी पुलिस कमिशनर रेणुका एस सुकुमार ने कहा वे दोनों (गत वर्ष तक) BCA साथ में पढ़ रहे थे। किन्तु, BCA के बाद नेहा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी , लेकिन फ़ैयाज़ ने छोड़ दी थी और इसके बाद से वो नेहा के पीछे पड़ा हुआ था।

कांग्रेस पर क्यों लग रहा तुष्टिकरण का आरोप  ?

कई लोग इसे अवधेश राय हत्याकांड से जोड़कर भी देख रहे हैं। बता दें कि, अवधेश राय कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, उनके भाई अजय राय आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।  तीन अगस्‍त 1991 को जब अवधेश राय और अजय राय अपने घर के सामने खड़े थे, तब गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी के गुंडों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। अजय राय ने खुद मुख़्तार के खिलाफ FIR लिखाई थी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। काफी सालों बाद जब 2017 में योगी सरकार सत्ता में आई, तो मुख़्तार के खिलाफ कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्या का मामला फिर से खुला, इससे पहले मुख़्तार जेल से ही अपना साम्राज्य चलाता था और उसे जेल में VVIP ट्रीटमेंट मिलता था।

 

लेकिन यूपी में जब मुख़्तार के खिलाफ कार्रवाई हो रही थी, तो पंजाब की कांग्रेस सरकार ने उसे गिरफ्तार करवाकर अपने राज्य बुलवा लिया और जेल में VIP ट्रीटमेंट देने लगे। पंजाब में AAP सरकार बनने के बाद खुलासा हुआ कि कांग्रेस ने अपनी ही नेता के हत्यारे मुख़्तार के ऐशोआराम पर 55 लाख रुपए खर्च किए थे, जिसे चुकाने से AAP सरकार ने इंकार कर दिया। फिर जब सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़कर योगी सरकार, मुख़्तार को वापस यूपी लेकर आई, तब जाकर सालों बाद उसे अवधेश राय हत्याकांड में दोषी ठहराया जा सका। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इतने सालों तक मुख़्तार के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो पाई थी ? भाजपा का आरोप है कि, कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की अपनी नीति के कारण आम लोगों की बलि देती है, यहाँ तक की अपने नेताओं की भी, यही आज कर्नाटक के कांग्रेस पार्षद के साथ हो रहा है, क्योंकि मुस्लिम एकतरफा कांग्रेस को वोट करते हैं। 

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