अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में एक निजी अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत कथित लाभ के लालच में कई मरीजों की फर्जी एंजियोप्लास्टी और स्टेंट लगाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अस्पताल में बिना बताए 19 लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई, जिसमें से 7 मरीजों को स्टेंट भी डाले गए। इस प्रक्रिया के बाद दो मरीजों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के चेयरमैन, सीईओ, डायरेक्टर और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मुख्य आरोपी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रशांत वझीरानी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं।
यह मामला तब सामने आया जब मेहसाणा जिले के कड़ी तालुका के बोरीसणा गांव में एक स्वास्थ्य जांच कैंप का आयोजन किया गया। इसमें 90 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 19 को आगे की जांच के लिए अहमदाबाद स्थित ख्याति मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में बुलाया गया। अस्पताल में मरीजों की सहमति के बिना एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की गई। आरोप है कि अस्पताल ने इन प्रक्रियाओं के बारे में परिवारों को सूचित नहीं किया और गलत जानकारी देकर फर्जी तरीके से सहमति ली।
अस्पताल के चेयरमैन कार्तिक पटेल के ऑस्ट्रेलिया में होने की जानकारी मिली है, जबकि सीईओ चिराग राजपूत, डायरेक्टर राजश्री कोठारी और डॉक्टर संजय पटोलिया फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है। अस्पताल द्वारा यह कदम कथित रूप से आयुष्मान भारत योजना से आर्थिक लाभ उठाने के उद्देश्य से उठाया गया था। गुजरात सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
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