फर्जी मार्क्सशीट केस की कार्रवाई में जुटी बद्दी पुलिस को छानबीन में पता चला है कि एजेंट मार्क्सशीट के खरीदारों तक पहुंचने के लिए फर्जी वेबसाइटों की मदद लेते थे। जिसके लिए साइबर अपराधियों की सहायता भी ली थी। फर्जी मार्क्सशीट और फर्जी वेबसाइट के खेल से एजेंट ग्राहकों को लुभाते और विश्वास दिलाते थे। केस में तीन लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस अभी भी कई लोगों की तलाश में जुटी है। हालांकि, पुलिस इस केस में कुछ भी बोलने से बच रही है।
जंहा इस बात का पता चला है कि अभी भी इस फर्जीवाड़े के कई अहम किरदारों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। निरंतर कई टीमें अलग-अलग जगह दबिश दे चुके है। अब तक की सूचना के अनुसार बद्दी के एक निजी महाविद्यालय ने पुलिस के पास फर्जी वेबसाइट बनाए जाने की शिकायत कर चुके है। पुलिस ने इसकी कार्रवाई शुरू की और टीमों को आरोपियों तक पहुंचने के लिए लगाया। इस दौरान, एक मार्क्सशीट विवि के पास सत्यापन के लिए पहुंची तो उसके फर्जी होने की बात सामने आई।
महाविद्यालय ने हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग और बद्दी पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके उपरांत अब तक की जांच में बद्दी पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। जंहा यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश के तकरीबन सभी निजी महाविद्यालयों की फर्जी मार्क्सशीट बनाई जा रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार साथ ही कई महाविद्यालयों की वेबसाइट बनाकर उनके द्वारा मार्क्सशीटों के खरीदारों तक एजेंट पहुंच रहे हैं। कुछ वक़्त पहले पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है, लेकिन पुलिस अभी भी इस बात की तस्दीक नहीं कर रही है। सूत्रों का बोलना है कि बाकी साथियों के मिलने के उपरांत पुलिस इस पूरे खेल का खुलासा कर सकती है।
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