नई दिल्ली: राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया जगत और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के सामने मौजूद चार प्रमुख समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने फेक न्यूज, एल्गोरिथम बायस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और फेयर कंपनसेशन (उचित मुआवजा) को बड़ी चुनौतियों के रूप में बताया।
अश्विनी वैष्णव ने फेक न्यूज को लोकतंत्र और मीडिया दोनों के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म गलत सूचना की जांच नहीं करते, जिससे झूठी और भ्रामक जानकारी तेजी से फैलती है। उन्होंने ऐसे प्लेटफॉर्म्स से अपील की कि वे इस समस्या का समाधान निकालें और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करें।
वैष्णव ने 'बिग टेक' कंपनियों, जैसे- अल्फाबेट, अमेजन, एप्पल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट को अधिक जवाबदेही और निष्पक्षता अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने इन टेक जायंट्स से समाज और मीडिया पर उनके बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदार भूमिका निभाने की अपील की। मंत्री ने 'सेफ हार्बर' प्रावधान पर भी सवाल उठाए। यह प्रावधान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे मेटा, एक्स (पूर्व में ट्विटर), और टेलीग्राम को यूजर्स द्वारा साझा की गई सामग्री की जिम्मेदारी से मुक्त करता है। वैष्णव ने कहा कि यह नियम 1990 के दशक में बना था, जब डिजिटल मीडिया का प्रभाव आज के मुकाबले बहुत कम था। वर्तमान समय में इसके सुधार की आवश्यकता है।
उन्होंने एल्गोरिथम बायस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग को भी चिंता का विषय बताया। उनका मानना है कि तकनीकी प्रक्रियाएं यदि निष्पक्ष नहीं हैं, तो वे समाज में असंतुलन पैदा कर सकती हैं। मीडिया संगठनों को उनके कंटेंट के लिए पर्याप्त मुआवजा न मिलने की समस्या को भी मंत्री ने उठाया। उन्होंने इसे मीडिया के अस्तित्व और स्वतंत्रता के लिए जरूरी बताया।
अश्विनी वैष्णव ने टेक कंपनियों और मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए अधिक जिम्मेदार भूमिका निभाने का आह्वान किया। उनका कहना था कि यह समय की मांग है कि डिजिटल युग में तकनीक और मीडिया के प्रभाव को संतुलित किया जाए।
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