नई दिल्ली: किसी के पक्ष में चुनावी माहौल को बनाने-बिगाड़ने में आज सोशल मीडिया एक अहम भूमिका निभाने लगा है, इसके माध्यम से लोग न सिर्फ राजनीतिक मुद्दों से जुड़ते हैं, बल्कि इस पर खुलकर बयानबाज़ी भी करते हैं, यह बड़ा प्रभाव भी छोड़ता है. इन सबके बीच फेक न्यूज़ का चलन भी चरम पर है. चूंकि, अगले साल देश में लोकसभा चुनाव हैं, इसलिए ट्विटर प्रबंधन ने अपनी सोशल नेटवर्किंग साइट पर फर्जी खबरों का प्रसार रोकने के लिए सारी तैयारियां कर ली है.
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सोमवार को ट्विटर के सीईओ एवं को-फाउंडर जैक डोरसे आइआइटी दिल्ली के टाउन हॉल पहुंचे और संस्थान के छात्रों के साथ हुए संवाद में फेक न्यूज यानी फर्जी खबरों से जुड़े सवाल पर कंपनी की तैयारियों के बारे में बताया. संवाद के दौरान ट्विटर यूजर ने जैक से पूछा कि 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फर्जी खबरों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? इस पर जैक ने कहा कि ऐसी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा काम किया जा रहा है और आगे भी जारी रहेगा. कंपनी की तरफ से ऐसे यूजर की गंभीरता से पहचान की जाएगी और फर्जी कंटेट को रोका जाएगा. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा सकती है, हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे इस तरह की गतिविधियों को पूरी तरह से लॉक किया जा सके.
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वहीं, ट्विटर एशिया फैसिफिक की वाइस प्रेसिडेट और मैनेजिंग डायरेक्टर माया हरि ने कहा कि फर्जी खबरों वाले कंटेट की रोकथाम के लिए विश्वभर में पिछले महीने से हर हफ्ते 9.4 मिलियन ट्विटर खाते ब्लॉक किए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि साइट पर दुर्भावनापूर्ण कंटेंट को भी रोका जाए, भारत में लोकसभा चुनाव के दौरान विदेशी तत्वों को ट्विटर का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा. आपको बता दें कि 2016 में इस तरह की खबरें सामने आई थी की अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को जीताने के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल किया गया था, जिसमे फेक न्यूज़ भी शामिल थी.
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