नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को सबसे कारगर हथियार माना जा रह है. पूरे विश्व में इसके लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसकी निगरानी कर रहा है. अब टीकाकरण अभियान में अनियमितताएं की खबरें सामने आ रही हैं. WHO के नकली कोविशील्ड टीके मिलने पर आगाह करने के बाद हड़कंप मच गया है.
WHO ने इस मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि नकली वैक्सीन मिलना चिंता की बात है. WHO ने कहा कि कोरोना की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पहले से दवाब में काम कर रही हैं. इस प्रकार के मामले सामने आने के बाद इन पर दवाब बढ़ सकता है. WHO का स्पष्ट कहना है कि वक़्त रहते ऐसी वैक्सीन की पहचान की जाए फिर इन्हें सप्लाई चेन से बाहर किया जाना आवश्यक है.
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब भारत में कोविशील्ड की वैक्सीन 2ml की शीशी दिखी. ऐसा इसलिए कि सीरम इंस्टीट्यूट के द्वारा 2ml में कोविशील्ड वैक्सीन का प्रोडक्टीन किया ही नहीं जाता है. ऐसे में यह सभी टीके नकली हैं. वहीं दूसरी ओर युगांडा में बैच नंबर 4121Z040 अगस्त 2021 में एक्सपायरी वाले टीके मिले थे. इस बारे में जब सीरम इंस्टीट्यूट से जानकारी ली गई तो उसने कहा कि उसने ये टीके बनाए ही नहीं.
WHO की चेतावनी :-
नकली टीके के मामले सामने आने के बाद WHO ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी ने नकली वैक्सीन लगवा ली है उसके शरीर में लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो फ़ौरन डॉक्टर को दिखना चाहिए. इस मामले को भारत सरकार ने भी बहुत गंभीरता से लिया है. अब WHO ने सभी हेल्थ सेंटर्स, सप्लायर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स को सर्तक रहने की सलाह दी है.
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