तेहरान: 16 वर्षीय ईरानी लड़की अर्मिता गेरावंद से जुड़ी एक दुखद घटना ने ईरान में भावनाओं और विवाद को जन्म दे दिया है। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी, आईआरएनए की रिपोर्ट के अनुसार, अर्मिता, जो अस्पताल में भर्ती थीं और कई हफ्तों से कोमा में थीं, का दुखद निधन हो गया है।
बता दें कि, तेहरान के मेट्रो में युवा लड़की की कठिन परीक्षा तब शुरू हुई जब उसे हेडस्कार्फ़ पहने हुए नहीं पाया गया, जो देश के हिजाब कानून का उल्लंघन था। इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ कथित मुठभेड़ के बाद, आर्मिता गेरावंड 1 अक्टूबर को कोमा में चली गईं। इसके बाद, उन्हें मस्तिष्क-मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना ने ईरान के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ध्यान और बहस बटोरी। यह ईरान में ड्रेस कोड, विशेषकर हिजाब को लागू करने के विवादास्पद और संवेदनशील मुद्दे पर प्रकाश डालता है।
आईआरएनए समाचार एजेंसी द्वारा जारी सीसीटीवी फुटेज से घटना के दर्दनाक क्षणों का पता चला। इसमें दिखाया गया कि ट्रेन में प्रवेश करने के तुरंत बाद अर्मिता को उसकी महिला साथियों ने ट्रेन से उतार दिया। तेहरान टाइम्स ने बताया कि, उसके दोस्तों के अलावा, एक वयस्क महिला, जिसे बाद में एक नर्स के रूप में पहचाना गया, अर्मिता की सहायता के लिए आई, जब वह जमीन पर बेहोश पड़ी थी। इस बीच अन्य यात्री अपने गंतव्य की ओर दौड़ पड़े।
आर्मिटा गेरावंड की कठिन परीक्षा के दुखद परिणाम ने ऐसे कानूनों के कार्यान्वयन और ईरान में व्यक्तियों के जीवन पर उनके प्रभाव के बारे में चर्चा शुरू कर दी है। इसी तरह से गत वर्ष ईरान में महसा अमिनी की भी मौत हुई थी, हिजाब में से महसा के बाल दिख गए थे, जिसके बाद ईरान की नैतिक पुलिस ने उन्हें इतना पीटा था कि, वो कोमा में चली गई थी और फिर अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया था। इसके बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे और महिलाएं सड़क पर अपने हिजाब और बुर्के जलाकर देश की कट्टरपंथी सरकार का विरोध किया था। लेकिन, ईरान सरकार ने पूरी ताकत से इस विरोध को दबा दिया था और इसमें कई लोगों की मौत भी हुई थी। अब एक और लड़की ईरान के हिजाब कानून की बलि चढ़ गई है ।
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