अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद की एक पारिवारिक अदालत ने एक शख्स को 1240 दिन लगभग साढ़े तीन साल की कैद की सजा सुनाई है। व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपने पत्नी को 28 महीनों से गुजारा भत्ता प्रदान नहीं किया है। पारिवारिक अदालत के जज एमजे पारिख ने अपने निर्णय में यह भी कहा है कि शख्स और उसके वकील लंबे समय तक अदालत में अनुपस्थित रहे इसलिए कोर्ट उन्हें और अधिक वक्त नहीं दे सकती है।
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कोर्ट ने कहा है कि, यह पति की जिम्मेदारी है कि वह समय पर अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता दे और अगर वह एक वर्ष से भी अधिक समय से भुगतान नहीं कर रहा है तो उसे शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार जेल भेजा जा सकता है। 2016 में अदालत ने आरोपी शख्स इमैनुएल क्रिश्चिन को अपनी पत्नी को हर माह 3 हजार रुपए और बच्चे को 1500 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था।
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वहीं महिला का आरोप है कि उसने कभी एक पैसे का भी भुगतान नहीं किया, साथ ही महिला ने कहा है कि उसके पति ने बच्चे के लिए भी पैसे नहीं दिए, जिसके कारण उसकी व् बच्चे को काफी समस्या का सामना करना पड़ा है। इस बात को लेकर अदालत ने शख्स को नोटिस भी दिया लेकिन वह सुनवाई के लिए पेश नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए उसे जेल कि सजा सुना दी है।
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