लखनऊ: यूपी एटीएस के अधिकारी राजेश साहनी की मृत्यु पर संशय गहराता जा रहा है, पीपीएस एसोसिएशन मीटिंग की गई है. जिसमे कई अहम् फैसले लिए गए हैं, मीटिंग में पूछा गया कि साहनी को गोली लगने के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया ? इसके साथ ही छुट्टी से ऑफिस बुलाए गए साहनी को ड्यूटी पर माने जाने की बात कही गई है.
साहनी के मोबाइल से छेड़छाड़ की आशंका के बीच जांच की बात कही जा रही है. इससे पहले पीपीएस एसोसिएशन ने मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी. इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आला अधिकारीयों के साथ बैठक कर सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है. वहीं राजेश साहनी के परिजनों ने भी एसोसिएशन ने बात करके उनके एफआईआर दर्ज कराने का सुझाव दिया है. आज परिजन लखनऊ में केस दर्ज करा सकते हैं. इसके साथ ही सभी PPS अधिकारी पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देंगे. इसमें CO 3000 रुपये और ASP 5000 रुपये परिजनों को सहायता राशि के रूप में 5 जून तक देंगे.
आपको बता दें कि राजेश साहनी ने मंगलवार दोपहर एटीएस ऑफिस में अपनी सर्विस पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. ख़ुदकुशी के बाद से ही आईजी असीम अरुण पर सवाल उठ रहे थे. 1992 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारी साहनी ने अपने कार्यालय में दोपहर लगभग पौने एक बजे खुदकुशी की. वहीं इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा का इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें असीम अरुण पर गंभीर आरोप लगाते हुए, उन्हें साहनी की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
राजेश साहनी ख़ुदकुशी: आया बड़ा सच सामने
राजेश साहनी ख़ुदकुशी: इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा का राज खोलता इस्तीफा हुआ वाइरल
उप्र एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने खुदकुशी की