आज देशभर में विजयदशमी का त्यौहार मनाया जा रहा है. आज ही के दिन भगवान राम ने बुराई के प्रतिक रावण का वध कर सभी बुराइयों को नष्ट कर दिया था. इस ख़ुशी में देशभर में दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि रावण के पुतले को जलाने के साथ ही समाज की सभी बुराइयों को भी खत्म कर दिया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरे मनाया जाता है. वैसे तो देशभर में ये त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से सेलिब्रेट होता है लेकिन हम आपको आज भारत की कुछ ऐसी खास जगहों के बारे में बता रहे हैं जहां का दशहरा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
सीकर
राजस्थान राज्य के सीकर जिले के बाय गांव में रावण का कोई पुतला नहीं बनाया जाता है बल्कि रावण बने एक व्यक्ति का ही काल्पनिक वध दिया जाता है. ये गांव दशहरे के मेले के लिए देशभर में मशहूर है. इस मेले को देखने के लिए लोग बड़े ही दूर-दूर से आते है.
कुल्लू
यहां पर दशहरे के दिन भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा निकलती है. ये रथयात्रा अलग-अलग जगह से गुजरती है जो कि देखने लायक होती है. इसके साथ ही कुल्लू में भी रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है.
मैसूर
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि मैसूर का दशहरा तो दुनिया भर में मशहूर है. यहां करीब 600 साल पहले से दशहरे का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस त्यौहार की शुरुआत चामुंडी पहाड़ियों में स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ होती है. यहां 10 दिन तक दशहरा उत्सव मनाया जाता है.
दशहरे के चलते देश भर में सुरक्षा के पुख्ता इंतेज़ाम, दिल्ली में यातायात पर प्रतिबन्ध
देश की इन जगहों का दशहरा है काफी फेमस, नहीं जलाया जाता रावण