बदायूं: जाने माने लोकप्रिय शायर फहमी बदायूंनी का रविवार को उत्तर प्रदेश के बदायूं में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे तथा लंबे वक़्त से बीमारी से जूझ रहे थे। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा तथा उनके चाहने वाले उन्हें अपनी यादों में संजीवित रखेंगे। उनके निधन को साहित्य जगत के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है।
फहमी बदायूंनी का जन्म 4 जनवरी 1952 को यूपी के बदायूं में हुआ था। परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए उन्होंने पहले लेखपाल की नौकरी की, किन्तु बाद में इसे छोड़ दिया। उन्हें छोटे बहर में बड़े शेर कहने वाले शायर के रूप में जाना जाता था, तथा उनकी शायरी ने नई पीढ़ी के शायरों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया। हाल के दिनों में उनके कई शेर सोशल मीडिया पर वायरल हुए, तथा आसान भाषा में लिखी उनकी शायरी युवा पीढ़ी को खासतौर पर पसंद आई। मंच पर जब वे अपने खास अंदाज में शायरी सुनाते थे, तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। लेखक और पत्रकार पंकज शर्मा ने उनकी शायरी की प्रशंसा करते हुए कहा, "फहमी साहब बहुत कम शब्दों में पूरी बात कह देते थे, जैसे कोई जीवन का फलसफा एक पंक्ति में समझा दे।"
फहमी बदायूंनी जितनी खूबसूरती से जिंदगी के शेर सुनाते थे, उतनी ही साफगोई से मोहब्बत के शेर भी पेश करते थे। उनके शिष्य, दत्त शर्मा ने उनके साथ गुजारे पलों को याद करते हुए कहा, "उन्होंने शायरी में नई चीजें पेश करने का जादू किया। मैं 1990 में उनके साथ जुड़ा और 1995 में उनसे शायरी सीखना शुरू किया। उनकी शैली ने मुझे जॉन औलिया की याद दिलाई तथा मुझे लगता है कि उन्होंने उनकी जगह ली।"
CM सरमा ने की पुलिस और BSF की तारीफ, जानिए क्यों?
'महाराष्ट्र में कांग्रेस का हरियाणा वाला हाल होगा', ऐसा क्यों बोले अबू आजमी?