नोएडा: नोएडा के पश्चात् अब पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। 6 दिसंबर, 2024 को होने वाले इस प्रदर्शन में किसान राजधानी दिल्ली की ओर मार्च करेंगे, जहां उनकी मुख्य मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, इस मार्च के लिए कुछ किसान संगठन तथा उनके नेता इससे दूरी बना रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस मार्च से स्वयं को अलग कर लिया है तथा इसकी वजह से इस आंदोलन में कुछ अंतर भी देखा जा सकता है।
संयुक्त किसान मोर्चा, जो पिछले किसान आंदोलन का प्रमुख हिस्सा था, ने इस दिल्ली कूच से खुद को अलग कर लिया है। SKM के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया है कि इस विरोध प्रदर्शन में उनकी कोई भागीदारी नहीं होगी। ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, "SKM इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है, क्योंकि हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया और न ही कोई सलाह ली गई।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी कोई योजना होती तो वे पहले ही इस मार्च का समर्थन करते।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, "हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए हम किसी भी मार्च में भाग लेने की योजना नहीं बना रहे हैं। हमने पहले भी समर्थन देने का प्रयास किया था, किन्तु चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने फैसले खुद ले रहे हैं, और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।" भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुरेश कोथ ने भी कहा, "हमारा संगठन SKM से जुड़ा हुआ है, एवं शंभू बॉर्डर पर आंदोलन में हमारी कोई भूमिका नहीं है। 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च में भाग लेने की हमारी कोई योजना नहीं है।"
दिल्ली कूच की तैयारी के बारे में बताते हुए, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा के किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसान दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। पंढेर ने कहा कि केंद्र ने अब तक किसानों के मुद्दों पर बातचीत नहीं की है तथा MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी की मांग पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की तरफ पहला जत्था रवाना होगा। इस जत्थे में किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह सम्मिलित होंगे। यह जत्था आवश्यक सामान लेकर दिल्ली के लिए रवाना होगा तथा शांतिपूर्ण मार्च करेगा। पहला जत्था अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टन और हरियाणा के पिपली में रुकने के पश्चात् दिल्ली की ओर बढ़ेगा। किसान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यात्रा करेंगे और रात सड़क पर बिताएंगे।