नई दिल्ली: खेती-बाड़ी से जुड़ी अपनी समस्याओं को लेकर देशभर के किसान गुरुवार को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जमा होने के बाद शुक्रवार को सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाने के लिए संसद तक मार्च निकालेंगे. किसानों की मांग है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए और वहां किसानों के कर्ज़ और उपज की लागत को लेकर दो प्राइवेट मेंबर्स वाले बिल पारित करवाए जाएं.
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'लाठी गोली खाएंगे, फिर भी आगे जाएंगे', 'मोदी सरकार होश में आओ' जैसे केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाते हुए ये किसान देश के कई राज्यों से आए हैं. किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली में जुटे ये किसान आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों से दिल्ली पहुंचे हैं.' किसान मुक्ति मार्च' का आयोजन 'ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति' ने किया है, जिसमें 200 से अधिक किसान संगठन आंदोलन का हिस्सा बने हैं.
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किसानों की मदद के लिए रामलीला मैदान के पस कई युवा डॉक्टरों के दल भी पहुंचे हैं जो उन्हें ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, इधर कई स्वंयसेवी भी पानी और खाना लेकर रामलीला मैदान में पहुंच रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वो घरों से बाहर आएं और किसानों का समर्थन करें. आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक विकास योगी ने किसानों के मार्च से जुड़ी एक अपील सोशल मीडिया पर साझा की है. इस अपील में कहा गया है कि "हम हर चीज़ महंगी ख़रीदते हैं और सस्ती बेचते हैं. हमारी जान भी सस्ती है. पिछले बीस साल में तीन लाख से ज़्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं."
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