नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली की सरहदों पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं सरकार से अगले दौर की वार्ता को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेता निर्णय लेंगे। इस बीच किसान संगठनों की बैठक शुरू हो गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, किसानों की इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि सरकार से वार्ता करनी है या नहीं। सरकार ने किसान संगठनों के नेताओं को भेजे प्रस्तावों पर वार्ता के लिए उन्हें न्योता भेजा है।
इस मीटिंग से पहले किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार अपने स्टैंड पर अड़ी हुई है और हम भी अपनी मांग पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि अगर शीर्ष अदालत द्वारा कमेटी बनाई जाती है तो हम उसे नहीं मानते हैं। सिंघु (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी ने बताया है कि, "जो चिट्ठी सरकार ने भेजी है आज उसका उत्तर दिया जाएगा। हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, किन्तु वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू), हरियाणा के एक नेता ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आज (बुधवार) सरकार के प्रस्तावों पर बातचीत के मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्यों की एक समिति गठित की गई है जो यह निर्धारित करेगी कि सरकार के प्रस्तावों पर बातचीत के लिए जाना चाहिए या नहीं। इस बारे में समिति द्वारा तय निर्णय के मुताबिक, बातचीत के लिए तैयार किए जाने वाले ड्राफ्ट पर फिर संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी संगठनों की राय ली जाएगी।
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