नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश राज्य में सोमवार के दिन सरकारी दफ्तरों कर माहौल बदला हुआ सा नजर आ सकता है, राज्य के मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सोमवार 20 मार्च से राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारियों के लिए समय पर आना अनिवार्य कर दिया गया है. समय का पालन न करने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी.
इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि नई सरकार की योजनाओ को अमल में लाने तथा समय पर उनके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है की सरकारी दफ्तरों में अनुशासन बना रहे. बता दे कि शनिवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी और रविवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. समय पालन का आदेश राज्य के सभी प्रमुख सचिव, अतिरिक्त प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षो को भेजा गया है. नई सरकार ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किये है, उन्हें पूरा करने के लिए समय के हिसाब से कार्य करना जरुरी है. माना जा रहा है कि यह आदेश विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के कृषि सचिव के लिए है, निर्वाचित सरकार का मुख्य एजेंडा किसान है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 11 मार्च को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार का पहला निर्णय किसानों को कर्ज से छुटकारा दिलाना होगा. चुनाव के बाद ही प्रधानमंत्री मोदी के मिशन के तहत काम करने के लिए कमर कस ली गई है, इस हेतु केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की एक टीम भी लखनऊ पहुंच चुकी है. दूसरा सवाल यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के द्वारा शुरू की योजनाओं का अब क्या होगा. समाजवादी पेंशन योजना, राम मनोहर लोहिया योजना व कन्या विद्या धन योजना का भविष्य भी अभी स्पष्ट नहीं है.
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