नई दिल्ली: कभी प्रकृति की मार, तो कभी बाजार में फसलों के कम दाम मिलना, हमेशा से ही किसानों की समस्या रही है. इस साल खरीफ सीजन की शुरुआत के बाद से वर्षा ने सभी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. मगर, इसके साथ ही जिन फसलों की खेती की गई है, उनकी कीमत भी वसूल नहीं हो पा रही है. दरअसल, इस साल पपीता, अदरक का बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ हैं. किन्तु कीमत कम होने से किसानों को नुकसान हुआ हो रहा है.
वही इस वक़्त मराठवाड़ा में यह स्थिति है कि खरीदी नहीं होने के कारण अदरक के ढेर जर्जर हो गए हैं. किसनों को अदरक के बीज 4,000 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहे हैं, जबकि अदरक का बाजार भाव 700 रुपये प्रति क्विंटल है. इसलिए प्राकृतिक आपदा से यदि किसान बच भी जाते हैं, तो उन्हें कृषि उपज की बिक्री तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बाज़ारों में अदरक की हर साल भारी मांग रहती है. किन्तु, इस साल मांग में कमी के चलते कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. औरंगाबाद जिले के भराडी, धनोरा, वंजोला, मांडगांव, डिडगांव क्षेत्रों में नए किसानों ने अदरक की खेती आरंभ कर दी है. किन्तु घटती दरों ने अदरक, और खेती की लागत को पूरा करना भी मुश्किल कर दिया हैं.
इन क्षेत्रों के किसानों ने 4000 हजार रुपये क्विंटल में अदरक के बीज खरीदे हैं, साथ ही पूरे साल खेती करने का खर्च अलग होता हैं. किन्तु किसानों को अदरक के महज 700 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहे हैं. इसलिए बिक्री के लिए इस गांव के बाहरी इलाके में अदरक के ढेर लग गए हैं. किन्तु किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं, क्योंकि व्यापारी मिल नहीं रहे हैं.
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