नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कृषि को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से लाए गए तीन अहम विधेयकों को लेकर पूरे देश में सियासत गरमा गई है. विधेयक का विरोध संसद के बाद अब सड़कों पर भी नज़र आने लगा है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) सहित कई किसान संगठनों ने 25 सिंतबर को देशभर में चक्का जाम करने की घोषणा की है.
किसान संगठनों द्वारा आहूत किए गए भारत बंद को विपक्ष में शामिल विभिन्न सियासी दलों का समर्थन मिल रहा है. भाकियू के प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि बिलों के विरोध में पूरे देश में 25 सितंबर को चक्का जाम रहेगा, जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित लगभग पूरे देश के किसान संगठन अपनी विचारधाराओं से ऊपर उठकर एकसाथ होंगे.
किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से इन बिलों को किसान विरोधी और कॉरपोरेट को लाभ पहुंचाने वाले विधेयक करार देते हुए, इन्हें वापस लेने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने के लिए कानूनी प्रावधान करने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार ने विधेयकों पर किसानों की रजामंदी नहीं ली है. भाकियू की तरफ से बुधवार को पंजाब के मोगा में किसानों के साथ एक बैठक कर आगामी बंद का खाका तैयार कर लिया गया है.
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