नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों का कृषि कानूनों के खिलाफ 12वें दिन भी प्रदर्शन अब भी जारी है। वैसे इस मामले को सुलझाने के लिए केंद्र व किसानों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन हर बार यह बातचीत विफल रही। अब आने वाले 9 दिसंबर को भी केंद्र और किसानों के बीच बातचीत होने वाली है। वैसे उससे पहले किसानों ने सरकार को चुनौती देते हुए 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान कर दिया है। अब इसी बीच किसानों का समर्थन देने के लिए शिवसेना भी आगे आ गई है। हाल ही में किसानों द्वारा चल रहे आंदोलन का शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में जिक्र किया है।
इसमें शिवसेना ने कहा है कि, 'भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हैदराबाद महानगरपालिका में अच्छी सफलता हासिल की। सरकार चुनावी जीत-हार में संतुष्ट हो रही है और वहां दिल्ली की सीमा पर किसानों का घेरा उग्र होता जा रहा है। येन-केन-प्रकारेण समाज में जाति-धर्म के नाम पर फूट डालकर फिलहाल चुनाव जीतना आसान है, लेकिन दिल्ली की दहलीज पर पहुंच चुके किसानों की एकजुटता में फूट डालने में असमर्थ सरकार मुश्किलों में घिर गई है।' वहीं आगे सामना में शिवसेना ने केंद्र को घेरते हुए यह तक कहा है कि, 'किसानों को सरकार के साथ चर्चा में बिल्कुल भी दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है। सरकार सिर्फ टाइमपास कर रही है और टाइमपास का उपयोग आंदोलन में फूट डालने के लिए किया जा रहा है। किसान आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कहा है कि कृषि कानून रद्द करोगे या नहीं? हां या ना, इतना ही कहो! सरकार ने इस पर मौन साध रखा है।'
आगे मोदी सरकार को अपने निशाने पर लेते हुए सामना में कहा गया है, 'मोदी सरकार आने के बाद से कारपोरेट कल्चर बढ़ा है ये सत्य ही है, लेकिन हवाई अड्डे, सरकारी उपक्रम दो-चार उद्योगपतियों की जेब में तय करके डाले जा रहे हैं। अब किसानों की जमीन भी उद्योगपतियों के पास जाएगी। अर्थात एक तरह से पूरे देश का ही निजीकरण करके प्रधानमंत्री वगैरह सीईओ के तौर पर काम करेंगे। देशी ईस्ट इंडिया कंपनी की यह शुरुआत है। अब स्वतंत्र हिंदुस्तान में सरकार देशी ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कर रही है।' शिवसेना यही नहीं रुकी बल्कि सामना में यह भी कहा गया है, '10 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी नए संसद भवन के भूमिपूजन का मुहूर्त करेंगे व उसी समय पुराने ऐतिहासिक संसद भवन पर पहुंचने की तैयारी कर रहे किसानों पर सरकार आंसू गैस और बंदूक चलाएगी।'
ठीक नहीं है दिलीप कुमार की तबियत, इम्यूनिटी भी है कम
दिल्ली में टैक्सी, ऑटो यूनियनें कल करेगी विरोध प्रदर्शन
कार के दरवाजे में बैठा था खतरनाक जानवर, देखते ही जोर-जोर से चीखने लगी महिला