नई दिल्ली: बीते शनिवार को किसानों के प्रतिनिधियों और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और आईबी अधिकारियों के बीच 90 मिनट तक लंबी वार्ता हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस और आईबी अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधियों को बताया कि, 'दो बॉर्डर के साथ ही एक नेशनल हाईवे भी बंद है जिसके कारण दूसरे राज्य से दिल्ली आने वाले लोगों को परेशानियां हो रहीं हैं।' वहीं इस दौरान किसान नेताओं ने यह भी कहा कि, 'उन्हें रामलीला मैदान या जंतर मंतर में प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए।'
वहीं इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि, 'दिल्ली में कोरोना गाइडलाइंस लागू है और इतने ट्रक और ट्रैक्टर्स के साथ प्रदर्शनकारी न तो जंतर-मंतर में आ पाएंगे और न ही रामलीला मैदान में। इसलिए उनके लिए यहां प्रदर्शन कर पाना संभव नहीं है।' अब इसी बीच बीएसपी अध्यक्ष मायावती के बाद शिवसेना भी प्रदर्शन कर रहे किसानों के पक्ष में आ गई है। ऐसे में शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी किसनों का पक्ष लिया है। हाल ही में उन्होंने कहा है कि 'जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है। उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है। इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है।'
वहीं इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, 'सिंधु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन की वजह से सीमा पार आने-जाने वालों को काफी परेशानी हो रही है। दूसरे राज्यों से दिल्ली आने वाले लोग बॉर्डर बंद होने से काफी परेशान हैं। उन्हें काफी दूर तक पैदल आना पड़ रहा है। बॉर्डर पार करने वाले यात्रियों का कहना है कि उन्हें ब्लॉकेड की वजह से कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है।'
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