नई दिल्ली: सरकार और किसानों के बीच सहमति बन चुकी है और अब बस किसान आंदोलन (Farmer Protest) ख़त्म होने की औपचारिक घोषणा होना बाकी है। इस समय दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर किसान मिठाई बांट रहे हैं और जश्न मना रहे हैं। केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने अपने तंबू उखाड़ने और सामान की पैकिंग भी शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ संयुक्त मोर्चा के सूत्रों का कहना है कि 'बॉर्डर खाली करने में दो दिन का समय लगेगा। इसी के साथ किसानों का प्रदर्शन अन्य रूपों में जारी रहेगा। जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती, या लिखित में नहीं मिलता, राज्यों में प्रदर्शन होंगे।'
दूसरी तरफ किसान नेता अशोक धवले का कहना है, 'कृषि मंत्रालय की तरफ से गुरुवार सुबह एक हस्ताक्षरित पत्र संयुक्त किसान मोर्चे को मिला है। आज यह पत्र संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में रखा जाएगा और जो भी निर्णय होगा उस पर चर्चा होगी।' आगे अशोक धवले ने यह भी कहा है कि, 'बहुत सारी मांगे मान ली गई हैं, हर आंदोलन में सारी बातें नहीं मानी जाती हैं। जो भी मुकदमे हैं, वह वापस होने चाहिए और लाल किला और 26 जनवरी के मामलों पर भी विचार किया जाएगा।'
आप सभी को बता दें कि बीते बुधवार को SKM ने घोषणा की थी कि कृषि कानून वापसी के बाद किसानों की अन्य मांगों पर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उसे किसान संगठनों ने मान लिया है। ऐसे में अब किसान नेता राकेश टिकैत के तेवर भी कुछ नरम नजर आ रहे हैं। आज यानि गुरूवार के दिन राकेश टिकैत ने कहा है कि, 'बात बनती दिखाई पड़ रही है। लगता है कि आज मामला ठीक हो जाएगा। सरकार ने कच्चे कागज में प्रस्ताव दिया है, हमें पक्के दस्तावेज चाहिए। जो भी प्रस्ताव सरकार की तरफ से आया है, बस हमारी मांग यह है कि उन्हें लिखित तौर पर दे दिया जाए। अभी कागज कच्चे में कह दिया है कि दे दिया। लेकिन जब तक सरकार के स्टांप के साथ लिख करके नहीं आता, तब तक हम नहीं मानेंगे।'
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