नई दिल्ली: किसान आंदोलन को लेकर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को लताड़ लगाई है. शीर्ष अदालत की सख्त टिप्पणी से किसान नेता खुश हैं, हालांकि वह समिति बनाने के अदालत के फैसले से सहमत नहीं हैं. सिंघु सरहद पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले बाद हम टिप्पणी करेंगे, किन्तु कमेटी बनाने के फैसले से हम सहमत नहीं है.
किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि यदि शीर्ष अदालत नए कृषि कानूनों को स्थगित करने को लेकर कोई पुख्ता फैसला करती है तो हम उसके बाद आंदोलन को समाप्त करने या स्थगित करने पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है और शांतिपूर्ण रहेगा. सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से हमारी आवाज सुनना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े ने कहा कि हम आंदोलन को समाप्त नहीं करना चाह रहे हैं, आप इसे जारी रख सकते हैं. हम ये जानना चाहते हैं कि यदि कानून रुक जाता है, तो क्या आप आंदोलन की जगह बदलेंगे जब तक रिपोर्ट ना आए? यदि कुछ भी गलत होता है, तो हम सभी उसके जिम्मेदार होंगे.
CJI एसए बोबड़े ने कहा कि यदि किसान विरोध कर रहे हैं, तो हम चाहते हैं कि समिति उसका निराकरण करे. हम किसी का खून अपने हाथ पर नहीं लेना चाहते हैं. किन्तु हम किसी को भी प्रदर्शन करने से मना नहीं कर सकते हैं. हम ये आलोचना अपने सिर नहीं ले सकते हैं कि हम किसी एक पक्ष के समर्थन में हैं और दूसरे के विरोध में.
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