नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 17 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए बैठे हैं. केंद्र सरकार चाह रही है कि किसान नेताओं के साथ बातचीत कर गतिरोध समाप्त किया जाए, किन्तु, किसान नेता तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. अब तक छह दौर की बैठक हो चुकी है और सब बेनतीजा रही हैं.
शनिवार को किसान नेताओं ने और सख्त तेवर अख्त्यार करते हुए 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. किन्तु उससे पहले आज राजस्थान सीमा से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे को जाम करेंगे. बता दें कि सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी किसान मानने को तैयार नहीं रहे हैं. शनिवार को वे सरकार पर दबाव की नई रणनीति के साथ उतरे. किसानों ने देश की राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले सभी हाइवे पर बने टोल प्लाजा पर धावा बोला, किन्तु किसानों ने रास्तों को बंद करने की जगह हाइवे के टोल प्लाजा का शटर गिरा दिया. यानी टोल में वाहनों से कलेक्शन नहीं होने दिया.
दिल्ली- हरियाणा- पंजाब- पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शायद ही कोई टोल बूथ ऐसा बचा हो, जहां किसानों ने कब्ज़ा ना किया हो. छोटे बड़े किसानों के जत्थों ने टोल बूथ पर कब्जा जमाया और हाईवे को टोल मुक्त कर दिया. टोल कर्मचारियों को हाइवे पर टैक्स वसूलने नहीं दिया गया.
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