नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मई को पूरे देश में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है, क्योंकि इसी दिन विरोध प्रदर्शन के छह माह पूरे होने जा रहे हैं। किसानों ने सभी देशवासियों से समर्थन मांगते हुए उन्हें बुधवार को अपने आवास और वाहन पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार के पुतले फूंकने की भी अपील की है। किसानों के इस आह्वान को देखते हुए दिल्ली पुलिस भी अलर्ट हो गई है। प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा आज मनाए जा रहे 'ब्लैक डे' को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर पुलिस तैनात की गई है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि, "हमने किसानों से अपील की है कि जिस प्रकार कोरोना में दुर्दशा हुई और लोगों की जान गई है, इसलिए कोई कार्यक्रम करने या भीड़ जुटने की वजह से वो स्थिति फिर से पैदा न हो। प्रदर्शन करने या लोगों को जमा करने की अनुमति नहीं है।" उन्होंने कहा कि, "अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी काम करेगा या कोरोना नियमों को तोड़ने की कोशिश करेगा, तो हम उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। सीमाओं पर, यानी धरनास्थलों पर सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, हमने एहतियातन सुरक्षा और बढ़ाई है।"
दिल्ली की सरहदों पर चल रहे किसान आंदोलन के 6 माह जिस दिन पूरे हो रहे हैं, उसी दिन केंद्र की मोदी सरकार के 7 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का निर्णय किया है। हालांकि, 26 मई को भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव 'बुद्ध पूर्णिमा' भी पड़ता है, लिहाजा संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन सभी धरनास्थलों पर अपने-अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाने का निर्णय लिया है।
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