नई दिल्ली: कृषि संबंधी तीनों बिल संसद से पारित हो चुके हैं, किन्तु विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश के किसान इन तीनों कृषि बिलों के खिलाफ सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे. भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की है. कोरोना महामारी के काल में पहली दफा है जब किसान अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरने जा रहा है, जबकि अभी तक वर्चुअल विरोध प्रदर्शन जारी था.
किसान संगठनों के नेताओं ने एकसाथ मिलकर मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है. अखिल भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि पूरे देश के किसान 25 सितंबर को कृषि सुधार बिल 2020 के विरोध में धरना प्रदर्शन और चक्का जाम करेंगे. उत्तर प्रदेश के किसान अपने-अपने गांव, कस्बे और हाईवे का चक्का जाम करेंगे. जबकि हरियाणा में पूरी तरह से बंद रखने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि किसानों का यह विरोध प्रदर्शन डिजिटल नहीं होगा, बल्कि किसान सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे.
किसान यूनियन के महासचिव धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन इस अधिकार की जंग को मजबूती के साथ लड़ेगी. सरकार अगर हठधर्मिता पर अड़िग है तो हम किसान भी पीछे नहीं हटेंगे. सरकार ने किसान के पेट पर हमला किया है, जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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