नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) अब संसद के मॉनसून सत्र में भी बाधा डाल सकता है. दरअसल, बीते 7 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे लोग मॉनसून सत्र खत्म होने तक संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
मॉनसून सत्र के दौरान किसान किस प्रकार प्रदर्शन करेंगे, इसका पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. इसके साथ ही 8 जुलाई को तेल-गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ भी किसान सड़कों पर होंगे. बता दें कि 22 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र का आगाज़ होने वाला है. तब से ही किसान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. जानकारी के अनुसार, मॉनसून सत्र से पहले ही आंदोलनकारी किसानों के जत्थे दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
जिसके बाद 22 जुलाई से हर दिन 200 किसान संसद का घेराव करेंगे. किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने तेल, गैस की बढ़ती कीमतों पर भी केंद्र सरकार को घेरने की योजना बनाई है. इसमें पेट्रोल, डीजल और LPG की बढ़ती कीमतों के खिलाफ 8 जुलाई को पूरे देश में प्रदर्शन होगा. किसान नेताओं द्वारा कहा गया है कि वे लोग नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर खड़े होंगे, किन्तु चक्का जाम नहीं करेंगे. यह प्रदर्शन 8 जुलाई को 10 से 12 बजे तक होगा.
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