श्रीनगर: पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान क्या कर दिया, अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी धारा 370 को बहाल करने की मांग उठने लगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने राज्य में धारा 370 बहाल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लेने की मांग उठाई है.
फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जिस तरह कृषि कानूनों को रद्द किया गया है, उसी प्रकार सरकार को धारा 370 भी बहाल कर देना चाहिए, इससे घाटी में शांति आएगी. अब्दुल्ला ने कहा कि चुनावों की वजह से सरकार ने कानूनों को निरस्त कर दिया, किन्तु मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने ये भी कहा कि संसद से कृषि कानूनों को रद्द किए जाने तक किसानों को आंदोलन स्थल नहीं छोड़ना चाहिए. कृषि कानून वापस लेने के फैसले पर अब्दुल्ला ने कहा 'देर आए दुरुस्त आए.' उन्होंने कहा कि अब सरकार और विपक्ष को संसद का शीतकालीन सत्र सुचारू रूप से चलने देना चाहिए.
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 को हटा दिया था. इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. हालांकि, सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया था, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है.
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