श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस (NC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के सुर कुछ बदले हुए नज़र आ रहे हैं, अक्सर सीमा विवाद के किसी भी मुद्दे पर अपनी सरकार को घेरने वाले अब्दुल्ला ने इस बार चीन को आड़े हाथों लिया है। चीन को जवाब देते हुए फारुख ने कहा कि सरहद पर अपनी जान देकर देश को बचाने के लिए सेना खड़ी है।
पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि मैं भी देखता हूं कि चीन कैसे आगे आएगा। वह जमाना गया, आज हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं। फारुख अब्दुल्ला ने चीन को चेतावनी देने के लहजे में कहा कि आज हम सब आक्रमण के लिए तैयार हैं और यदि चीन समझता है कि हम कमजोर हैं तो वह गलतफहमी में है। संसद सत्र के बाद मीडिया से बात करते हुए फारुख ने कहा कि 1962 में हमें चीन के इरादे के बारे में पता नहीं था। हम तो हिंदी-चीनी भाई-भाई करते थे। उन्होंने बताया कि, 'उस समय मैं भी कॉलेज में था और उस वक़्त हम चीनी और हिंदुस्तानी झंडे निकालकर हिंदी-चीनी भाई-भाई करते थे, मगर किसी को पता नहीं था कि वह पंचशील में हमको धोखा देगा।' बता दें कि, 1962 में प्रधानमंत्री नेहरू के कार्यकाल में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था और भारत के इलाके अक्साई चीन पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। इसी का जिक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, यह 1962 का वक़्त नहीं है।
चीन के साथ व्यापार पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह आपको जारी रखना पडेगा। हमारे वाहन बंद हो जाएंगे, वह सामान वहां से आता है। बातचीत से हम सभी चीजों का हल निकालते हैं और खुद पीएम मोदी ने भी कहा था कि युद्ध का जमाना चला गया। उन्होंने कहा कि, मुझे उम्मीद है कि जो G-20 की अध्यक्षता हमारे पास आई है, उसके बाद पीएम मोदी कई मुद्दों को सुलझाएंगे और मुझे उम्मीद है कि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में पीएम मोदी बहुत काम कर सकते हैं, क्योंकि वे दोनों राष्ट्राध्यक्षों के दोस्त हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अमेरिका और रूस दोनों के मित्र हैं।
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