हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में महिला से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में फास्ट ट्रैक द्वितीय कोर्ट के दो दोषियों को आजीवन कारावास और 40-40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नरेश चंद शर्मा ने कहा है कि पिलखुवा के एक गांव निवासी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी।
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शिकायत में बताया गया था कि 8 अक्टूबर 2015 की शाम वो अपनी दुकान का सामान लेने के लिए बाहर गया हुआ था। शाम सात बजे जब वह घर लौटा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी के बदन में आग लगी हुई थी और वह उसके सामने जमीन पर गिर पड़ी, आग बुझाने में उसके हाथ भी झुलस गए, गंभीर हालत में दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करने के बाद पत्नी ने एक सप्ताह बाद दम तोड़ दिया। पीड़ित ने बताया है कि उस दिन गांव सिखैड़ा निवासी चिंटू और उसके ही घर में किराए पर रहने वाले मोंटी उर्फ रविंद्र निवासी अगौता बुलंदशहर ने उसकी पत्नी को धमकाते हुए रुपए मांगे थे।
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मना करने पर चिंटू ने उसकी पत्नी के साथ बलात्कार किया, वहीं मोंटी ने रेप की कोशिश की। इसके बाद दोनों ने घर में रखी कैरोसिन छिड़ककर आग लगा दी। इस मामले में फास्ट ट्रैक द्वितीय अदालत ने सुनवाई करते हुए अपर जिला सत्र न्यायधीश अनुतोष कुमार शर्मा ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है, साथ ही दोनों को आजीवन कारावास की सजा और 40-40 हजार रुपये जुर्माने लगाया है।
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